menu-icon
India Daily

जस्टिस बीआर गवई बने देश के दूसरे दलित CJI, जानें कौन से ऐतिहासिक फैसले सुनाए

मुख्य न्यायाधीश गवई नवंबर में सेवानिवृत्त होने से पहले छह महीने तक शीर्ष पद पर रहेंगे. वरिष्ठ न्यायविद 1985 में बार में शामिल हुए और बॉम्बे हाई कोर्ट में वकालत की. वे 2003 में बॉम्बे हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश और 2005 में स्थायी न्यायाधीश बने. उन्हें 2019 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया.

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
Justice Bhushan Ramakrishna Gavai took oath as the new Chief Justice of the Supreme Court at Rashtra
Courtesy: Pinterest

न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने आज राष्ट्रपति भवन में सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टीस पद के लिए शपथ ले लिया है. भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में उन्होनें शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति बी.आर. गवई को पद की शपथ दिलाई. ये देश के शीर्ष न्यायिक पद पर न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का स्थान लेंगे. शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों ने मुख्य न्यायाधीश गवई को बधाई दी. पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना भी अपने उत्तराधिकारी को शुभकामनाएं देने के लिए समारोह में मौजूद थे.

मुख्य न्यायाधीश गवई नवंबर में सेवानिवृत्त होने से पहले छह महीने तक शीर्ष पद पर रहेंगे. वरिष्ठ न्यायविद 1985 में बार में शामिल हुए और बॉम्बे हाई कोर्ट में वकालत की. वे 2003 में बॉम्बे हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश और 2005 में स्थायी न्यायाधीश बने. उन्हें 2019 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया.

कई ऐतिहासिक निर्णयों का हिस्सा

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में, मुख्य न्यायाधीश गवई कई ऐतिहासिक निर्णयों का हिस्सा रहे हैं, जिसमें केंद्र के 2016 के विमुद्रीकरण निर्णय को बरकरार रखने वाला निर्णय और चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित करने वाला निर्णय शामिल है. उन्होंने लगभग 300 निर्णय लिखे हैं, जिनमें से कई मौलिक अधिकारों से संबंधित संविधान पीठ के फैसले हैं.

चीफ जस्टिस गवई के बारे में

चीफ जस्टिस गवई देश के शीर्ष कानूनी पद पर मुख्य न्यायाधीश केजी बालकृष्णन के बाद दूसरे दलित हैं. चीफ जस्टिस गवई के पिता आरएस गवई एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने तीन राज्यों के राज्यपाल और संसद के दोनों सदनों के सदस्य के रूप में कार्य किया. आरएस गवई ने रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (गवई) की स्थापना की.

उनका कार्यकाल लंबा हो

वरिष्ठ वकील और सांसद डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश गवई 'सबसे व्यावहारिक और परिणामोन्मुखी न्यायाधीशों में से एक हैं' जिन्हें उन्होंने देखा है. उन्होंने कहा, 'बहुत ही सुखद न्यायालय का माहौल, कार्यवाही पर बहुत ही मजबूत पकड़, बेहतरीन हास्यबोध, जहां तक संभव हो 'ऑपरेशन सफल रहा, मरीज की मौत हो गई' के प्रतिमान से दूर रहते हैं और अपने कानून को अच्छी तरह से जानते हैं... मैं चाहता हूँ कि उनका कार्यकाल लंबा हो.'

स्वतंत्र और पूरी तरह निष्पक्ष हैं

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 'न्यायमूर्ति गवई विनम्रता के साक्षात् उदाहरण हैं. प्रतिभाशाली, लेकिन विनम्र. उच्च संवैधानिक पद पर आसीन, लेकिन जमीन से जुड़े... वे बौद्धिक रूप से स्वतंत्र और पूरी तरह निष्पक्ष हैं... कानून की सभी शाखाओं में ऐतिहासिक फैसले देने के रूप में हमारे न्यायशास्त्र में उनका बहुत बड़ा योगदान है."

मेहता ने कहा, 'देश के अब तक के सबसे बेहतरीन न्यायाधीशों में से एक होने के बावजूद वे सरल और विनम्र हैं. उनकी कानूनी सूझबूझ में कोई दिखावटीपन नहीं है. वे डॉ. अंबेडकर की सच्ची विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.'