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बजट 2026 से पहले पीएम मोदी की बड़ी कवायद, आम लोगों को मिल सकता है खास तोहफा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नीति आयोग में अर्थशास्त्रियों से संवाद कर 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को दोहराया. उन्होंने संस्थागत क्षमता, अवसंरचना, आत्मनिर्भरता और मिशन-मोड सुधारों को भविष्य की आर्थिक मजबूती का आधार बताया.

PM Modi on Developed India 2047
Kanhaiya Kumar Jha

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नीति आयोग में देश के चुनिंदा अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ अहम बैठक की. चर्चा का केंद्र 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का रोडमैप रहा. प्रधानमंत्री ने बदलती सामाजिक आकांक्षाओं, वैश्विक प्रतिस्पर्धा और आर्थिक संरचना में आवश्यक सुधारों पर विस्तार से बात की. उन्होंने स्पष्ट किया कि विकसित भारत का सपना अब केवल सरकारी सोच नहीं, बल्कि जन-आकांक्षा बन चुका है, जिसे साकार करने के लिए दीर्घकालिक और संस्थागत प्रयास जरूरी हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकसित भारत 2047 केवल एक नीतिगत लक्ष्य नहीं, बल्कि देशवासियों की साझा आकांक्षा बन गया है. शिक्षा, उपभोग के तरीकों और वैश्विक अवसरों में आए बदलाव इसका प्रमाण हैं. उन्होंने कहा कि समाज की अपेक्षाएं तेज़ी से बढ़ रही हैं, और सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इन जरूरतों को समय पर पूरा करने के लिए सक्षम संस्थागत ढांचा तैयार करे.

संस्थागत क्षमता और अग्रिम नियोजन पर जोर

बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए संस्थागत क्षमता का विस्तार बेहद जरूरी है. उन्होंने अग्रिम अवसंरचना नियोजन की आवश्यकता पर बल दिया ताकि आर्थिक विकास टिकाऊ बना रहे. उनका कहना था कि नीतियां केवल वर्तमान की नहीं, बल्कि आने वाले दशकों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई जानी चाहिए.

मिशन-मोड सुधारों की जरूरत

प्रधानमंत्री ने दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए मिशन-मोड में सुधारों की बात कही. उन्होंने कहा कि नीति निर्माण और बजट प्रक्रिया को 2047 के विजन से मजबूती से जोड़ा जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने भारत को वैश्विक कार्यबल और अंतरराष्ट्रीय बाजारों का मजबूत केंद्र बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.

उत्पादकता और तकनीक पर चर्चा

संवाद के दौरान अर्थशास्त्रियों ने विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने के सुझाव दिए. घरेलू बचत में वृद्धि, मजबूत अवसंरचना और आधुनिक तकनीक को अपनाने पर विशेष ध्यान दिया गया. विशेषज्ञों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता को बहु-क्षेत्रीय उत्पादकता बढ़ाने वाला अहम साधन बताया और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार की भूमिका रेखांकित की.

भारत की तेज विकास यात्रा

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 2025 में हुए बहु-क्षेत्रीय सुधारों और उनके आगे सुदृढ़ीकरण से भारत वैश्विक स्तर पर तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा. इससे न केवल आर्थिक आधार मजबूत होगा, बल्कि रोजगार और निवेश के नए अवसर भी पैदा होंगे. बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि सही दिशा में सुधार भारत को विकसित राष्ट्र के लक्ष्य तक पहुंचा सकते हैं.