नई दिल्ली: अब दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर की Namo Bharat ट्रेनों और स्टेशनों में आप सिर्फ सफर ही नहीं कर सकते, बल्कि इन्हें बर्थडे, प्री-वेडिंग फोटोशूट, परिवारिक कार्यक्रम और फिल्म शूट के लिए बुक भी किया जा सकता है.
NCRTC की यह पहल भारतीय हाई-स्पीड रेल के आधुनिक कोच और स्टेशनों को क्रिएटिव और यादगार अनुभवों के लिए उपलब्ध कराती है. इस कदम से सार्वजनिक परिवहन को बहुउद्देशीय और आकर्षक स्थान के रूप में देखा जाएगा.
Namo Bharat ट्रेनों में अब व्यक्तिगत कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं. बर्थडे, सालगिरह, प्री-वेडिंग फोटोशूट जैसी अवसरों के लिए ग्राहक और इवेंट प्लानर कोच या चलती ट्रेन बुक कर सकते हैं. Duhai डिपो में एक मॉक-अप कोच भी उपलब्ध है, जो सेटअप और लाइटिंग की तैयारी बिना ट्रेन संचालन बाधित किए करने में मदद करता है. बुकिंग की कीमत प्रति घंटे Rs 5,000 से शुरू होती है, और सेटअप-पैकअप के लिए अतिरिक्त 30 मिनट शामिल हैं. कार्यक्रम सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक आयोजित किए जा सकते हैं.
NCRTC ने स्पष्ट किया है कि कोच और स्टेशनों में सजावट की अनुमति है, लेकिन केवल सरल डेकोरेशन ही किया जा सकता है. किसी भी तरह का नुकसान या नियमित सेवा में बाधा नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही NCRTC स्टाफ और सुरक्षा कर्मी कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहेंगे, ताकि आयोजन सुरक्षित और सुचारू रूप से पूरा हो सके. यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि यात्रियों और आयोजनों दोनों की सुविधा बनी रहे.
व्यक्तिगत आयोजनों के अलावा NCRTC ने फिल्म शूट, विज्ञापन, डॉक्यूमेंट्री और डिजिटल कंटेंट के लिए भी स्टेशनों और ट्रेनों को बुक करने का प्रावधान किया है. यह पहल कंटेंट क्रिएटर्स और फिल्म निर्माताओं को Namo Bharat के आधुनिक कोच और स्टेशनों को आकर्षक बैकग्राउंड के रूप में उपयोग करने का अवसर देती है. न्यूनतम लागत पर इस सुविधा से पेशेवर शूटिंग और क्रिएटिव प्रोजेक्ट्स आसान बन गए हैं.
Anand Vihar, Ghaziabad, Sahibabad, Duhai और Meerut South स्टेशन इस पहल के प्रमुख आकर्षण स्थल हैं. साफ-सुथरे वास्तुशिल्प डिजाइन, पर्याप्त रोशनी और खुले स्थान इन्हें पारंपरिक बैंकेट हॉल या आउटडोर लोकेशनों के मुकाबले फोटोजेनिक बनाते हैं. जोड़े, परिवार और फोटोग्राफर इस बहुआयामी अनुभव का लाभ उठा सकते हैं.
इस पहल का उद्देश्य केवल आयोजन करना नहीं, बल्कि NCRTC की आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को नए दृष्टिकोण में प्रदर्शित करना भी है. हाई-स्पीड रेल अब सिर्फ यात्रा का माध्यम नहीं, बल्कि यादगार अनुभव और क्रिएटिव एक्सप्रेशन का मंच बन गई है. इसके जरिए दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर का उपयोग अब यात्रा के अलावा मनोरंजन, कला और व्यवसायिक गतिविधियों के लिए भी किया जा सकेगा.