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मणिपुर में म्यांमार के उग्रवादी? राज्य सुरक्षा सलाहकार का बड़ा खुलासा

मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने आरोप लगाया कि कल मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह में पुलिस कमांडो पर हुए हमले में म्यांमार के कुछ उग्रवादी शामिल हो सकते हैं.

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Gyanendra Sharma
Myanmar

Myanmar: मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने आरोप लगाया कि कल मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह में पुलिस कमांडो पर हुए हमले में म्यांमार के कुछ उग्रवादी शामिल हो सकते हैं. राज्य की राजधानी इंफाल से 110 किमी दूर सीमावर्ती शहर में कार्रवाई में दो कमांडो मारे गए हैं. सिंह ने आज संवाददाताओं से कहा कि कल सुबह-सुबह, बड़ी संख्या में कुकी उग्रवादियों ने तीन स्थानों पर कमांडो चौकियों पर गोलीबारी शुरू कर दी.

कुलदीप सिंह ने म्यांमार के विद्रोही समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) का जिक्र करते हुए कहा कि मोरेह में सक्रिय पीडीएफ विद्रोही और शायद बर्मा की ओर से कुछ अतिरिक्त सैनिक भी मोरेह में राज्य बलों पर हमला कर सकते हैं. राज्य बल तैयार हैं. हमले कई दिनों से हो रहे हैं, लेकिन गोलियों की आवाज आसपास के इलाकों से नहीं बल्कि दूर के इलाकों से आ रही है.

कमांडो शहीद

कुलदीप सिंह ने आगे कहा कि कल से गोलियों की आवज आस-पास के इलाकों से आना शुरू हो गई. पुलिस कमांडो और बीएसएफ के साथ असम राइफल्स ने अपना इसका जवाब दिया. लेकिन एक कमांडो घायल हो गया जिसकी बाद वे शहीद होग. कुछ देर शांत रहने के बाद गोलीबारी में 10 आईआरबी (इंडियन रिजर्व बटालियन) का एक और कमांडो शहीद गया. 

मैतेई-कुकी समुदाय के बीच हिंसा जारी

सिंह की टिप्पणी मोरेह में अज्ञात लोगों द्वारा एक स्कूल और अन्य इमारतों में आग लगाए जाने के एक दिन बाद आई है. कुकी समुदाय जो मोरेह में हैं और जातीय आधार पर विश्वास पूरी तरह से टूटने का हवाला देते हुए राज्य बलों को वापस बुलाना चाहती हैं, उन्होंने राज्य बलों पर उन्हें परेशान करने और इमारतों को जलाने का आरोप लगाया है. मणिपुर में पिछले साल 3 मई को घाटी-बहुसंख्यक मैतेई और पहाड़ी-बहुसंख्यक कुकी के बीच जातीय झड़पें हुई थीं, जिसेके बाद से राज्य में हिंसा का दौर जारी है.