Mumbai Theft Case: मराठा प्रदर्शन के आड़ में दुकान से चोरी, सीसीटीवी ने खोला राज, फोर्ट इलाके में मचा हड़कंप

मुंबई के फोर्ट इलाके में सीसीटीवी फुटेज में दुकान से चोरी करते लोग दिखे. यह घटना मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई, जिससे पुलिस पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने की नई चुनौती खड़ी हो गई क्योंकि फुटेज में संदिग्धों को प्रदर्शनकारियों जैसे कपड़े पहने हुए दिखाया गया.

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Km Jaya

Mumbai Theft Case: मुंबई के फोर्ट इलाके में एक परिधान दुकान से चोरी का मामला सामने आया है. यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पूरे महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन अपने चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है और हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. पुलिस के अनुसार दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कुछ लोगों को कपड़े चुराते हुए देखा गया है. फुटेज में संदिग्धों को प्रदर्शनकारियों जैसे कपड़े पहने हुए दिखाया गया, जो सामान उठाकर दुकान से बाहर निकल गए.

अधिकारियों का कहना है कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या ये लोग वास्तव में आंदोलन का हिस्सा थे या मौके का फायदा उठाकर कोई बाहरी उपद्रवी चोरी करने आए थे. मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्यभर में आंदोलन जोर पकड़ रहा है. सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में चल रहा यह आंदोलन शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा है.

देखें सीसीटीवी फुटेज

आम जनजीवन प्रभावित

मनोज जरांगे पाटिल लगातार आंदोलन को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील कर रहे हैं और समर्थकों से हिंसा से दूर रहने की गुहार लगा रहे हैं. पिछले कुछ हफ्तों में मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र में आंदोलन काफी तेज हो गया है. जगह-जगह सड़क जाम, धरना-प्रदर्शन और आंशिक बंद जैसी स्थितियां देखने को मिली हैं. आम जनजीवन प्रभावित हुआ है और लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

आंदोलन के कारण यातायात बाधित 

मुंबई यातायात पुलिस ने सोमवार को बताया कि आजाद मैदान और सीएसएमटी जंक्शन के आसपास आंदोलन के कारण यातायात बाधित है. ट्रैफिक जाम का असर फोर्ट, मरीन लाइंस और क्रॉफर्ड मार्केट जैसे इलाकों तक फैल गया है. पुलिस ने यात्रियों को अन्य दूसरे रास्तों से आने-जाने की सलाह दी है. दूसरी ओर, राज्य सरकार और आंदोलनकारी नेताओं के बीच बातचीत जारी है. हालांकि, अब तक कोई ठोस और कानूनी समाधान नहीं निकल पाया है, जिसके चलते तनाव बरकरार है. इस बीच, फोर्ट इलाके में चोरी की यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक नई चुनौती के रूप में सामने आई है. पुलिस का कहना है कि आंदोलन के अधिकार और कानून-व्यवस्था के बीच संतुलन बनाना इस समय सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि आरोपियों की पहचान कर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.