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India Daily

'अयोध्या में गिराई गई मस्जिद गुलामी का प्रतीक, कार सेवकों ने नहीं किया दंगा..',जानिए मोहन भागवत के बयान की 10 बड़ी बातें

अयोध्या में बने रहे भव्य राम मंदिर का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या में गुलामी का प्रतीक ढहाया गया लेकिन वहां किसी भी अन्य मस्जिद को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया. कार सेवकों ने कहीं दंगा नहीं किया."

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Edited By: Avinash Kumar Singh
Mohan Bhagwat statement

हाइलाइट्स

  • रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पहले मोहन भागवत का बड़ा बयान
  • भारत के विश्वगुरु बनने से दुनिया का सारा अमंगल दूर होगा

नई दिल्ली: देशभर में रामलला प्राण प्रतिष्ठा की धूम है. इसी बीच RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान सामने आया है. अयोध्या में बने रहे भव्य राम मंदिर का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा "अयोध्या में गुलामी का प्रतीक ढहाया गया लेकिन वहां किसी भी अन्य मस्जिद को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया. कार सेवकों ने कहीं दंगा नहीं किया."

अपने बयान में भागवत ने आगे कहा कि मंदिर बनना खुशी की बात है. लेकिन अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है और यह ध्यान रखना होगा कि जिस संघर्ष के कारण यह सपना पूरा हो रहा है वह संघर्ष भविष्य में  भी जारी रहना चाहिए, ताकि मंजिल मिल जाये.

मोहन भागवत ने कहा कि जब संपूर्ण राष्ट्र एकजुट होकर मजबूती के साथ खड़ा होगा तो वह दुनिया का सारा अमंगल हरण कर फिर विश्व गुरू बन जाएगा.

भागवत ने कहा दुनिया की अधिकांश संस्कृतियां समय के साथ लुप्त हो गईं लेकिन हिंदू संस्कृति हर तरह के उतार-चढ़ाव का सामना करने के बावजूद लचीली रही और अपनी पहचान बनाए रखा. 

भारत की बहुलतावादी संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए भागवत ने कहा कि इतनी सारी भाषाएं, देवी- देवता, विविध पंथ होने के बावजूद भी उत्तर से दक्षिण तक और पूर्व से पश्चिम तक भारत का हर व्यक्ति यह मानता है कि हमें इस तरह से जीना है कि उसे देख कर दुनिया जीना सीखे.

मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया की ज्यादातर संस्कृति अपने शील के साथ मिट गई, लेकिन हिंदू संस्कृति हर प्रकार के उतार-चढ़ाव के बाद भी जिंदा है. 

संघ प्रमुख डॉ. भागवत ने कहा कि समाज में तीन शब्द चलते हैं क्रांति, उत्क्रांति, संक्रांति, तीनों का अर्थ परिवर्तन है. संक्रांति हमारे यहां आदिकाल से प्रचलित है. बड़े-बड़े कार्य स्व के आधार पर, सत्य के आधार पर होते हैं. 

हमें देश को जोड़ना है, तोड़ना नहीं है. हमें अपनी ताकत बढ़ानी होगी. यह ताकत दूसरों को डराने के लिए नहीं बल्कि उनको आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है, इसलिए हमें इस दिशा में एकता के साथ काम करना होगा.

संघ प्रमुख डॉ. भागवत ने RSS को सर्वव्यापी, सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमें अपने संगठनों को मजबूत करना होगा, यदि हमारा संगठन मजबूत होगा तो हमारी ताकत बढ़ेगी. 

बीते दिनों राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने RSS प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात करके रामलला प्राण प्रति‍ष्ठा समारोह का न‍िमंत्रण द‍िया था. 

22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त निकाला गया है. जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा. पीएम मोदी रामलला के विग्रह की आंखों में बंधी पट्टी यानी दिव्‍य दृष्टि खोलने के बाद काजल व टीका लगाने के साथ-साथ भगवान रामलला की पूजा-अर्चना करेंगे.