'148 लोगों की मौत, 200 लापता, 116 शवों का पोस्टमार्टम...' वायनाड में दिख रहा तबाही का मंजर

केरल के वायनाड जिले के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के कारण हुई भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 148 लोगों की मौत हो गई जबकि 128 अन्य घायल हो गए वहीं करीब 200 लोग अभी भी लापता हैं. मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है. रेस्क्यू के लिए आर्मी, एयरफोर्स SDRF और NDRF को लगाया गया है. केरल सरकार ने राज्य में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा कर दी है.

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केरल के वायनाड में भारी बारिश के कारण 4 जगहों पर हुई लैंडस्लाइड से करीब 4 गांवों के पुल, सड़कें और गाड़ियां बह गई. इस हादसे में 148 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई हुई है, वहीं 200 के करीब अभी भी लापता है. रेस्क्यू के लिए आर्मी, एयरफोर्स SDRF और NDRF को लगाया गया है. केरल सरकार ने राज्य में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा कर दी है. इस भूस्खलन में दूरदराज के कई गांव नष्ट हो गए तो कई मोहल्ले कीचड़ में इस तरह से सने हैं कि वहां से लोगों को बाहर निकाल पाना रेस्क्यू टीम के लिए टफ हो रहा है.

वायनाड के 4 गांव मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड हुई है. ठीक 5 साल पहले साल भी उन्हीं भारी बारिश की वजह से इस गांवों में लैंडस्लाइड हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी, करीब 52 घर तबाह हो गया था.

भारी बारिश का अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने आज यानी बुधवार को राज्य के 8 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. यहां के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है. आज प्रियंका और राहुल गांधी वायनाड जाने वाले थे लेकिन खराब मौसम की वजह उन्हें लैंडिंग की इजाजत नहीं मिली. उन्होंने जल्द ही वायनाड जाने की बात भी कही है.


116 शवों का पोस्टमार्टम पूरा

वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता और वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी सहित देश भर से वायनाड भूस्खलन हादसे पर शोक संवेदनाएं व्यक्त की गई है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक मंगलवार रात करीब 1 बजे तक 116 शवों का पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है.

केरल के नॉर्थ-ईस्ट में है वायनाड

बता दें कि वायनाड केरल के नॉर्थ-ईस्ट में है. यह केरल का एकमात्र पठारी इलाका है. मतलब मिट्टी, पत्थर और उसके ऊपर उगे पेड़-पौधों के ऊंचे-नीचे टीलों वाला इलाका. केरल का 43 फीसदी इलाका लैंडस्लाइड प्रभावित है. वायनाड की 51 फीसदी जमीन पहाड़ी ढलान हैं, जहां लैंडस्लाइड का खतरा बना रहता है.