Modi Cabinet 3.0: आज शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. इसमें उनके साथ कई मंत्री भी शपथ ले सकते हैं. बताया जा रहा है NDA में सहयोगियों के साथ संख्या और नामों को लेकर सहमति बन गई है. इसके साथ ही भाजपा ने अपने कोटे की लिस्ट भी तैयार कर ली है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसमें ओडिशा के तीन नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है. जिसमें जुएल ओराम, धर्मेंद्र प्रधान, अश्विनी वैष्णव का नाम शामिल हैं.
बता दें हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 के साथ ही ओडिशा में भी विधानसभा के चुनाव आयोजित हुए थे. यहां भाजपा ने बहुमत हासिल की है. ऐसे में इस राज्य में मंत्रियों के साथ ही केंद्र में मंत्रियों को लेकर एक कॉमन चर्चा पार्टी के भीतर हो रही है.
- जुएल ओराम 2024 में अपना छठवां चुनाव जीतकर आए हैं. प्रचार में इसे उन्होंने इसे अपना आखिरी चुनाव बताया था.
- ओरम ने हॉकी आइकन और BJD उम्मीदवार दिलीप तिर्की को सुंदरगढ़ से 1.38 लाख से अधिक मतों से हराया है.
- जुएल ओराम पहले भी 2 बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं
- 1990 में उन्हें वाजपेयी सरकार में आदिवासी मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी
- 2014 में मोदी सरकार में उन्हें दोबारा से उनका मंत्रालय वापस किया गया
- ओराम को मंत्रिमंडल में शामिल करने के आदिवासियों के बीच अपना आधार मजबूत करने की कोशिश हो सकता है.
- ओराम को को ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक के कड़े आलोचक के रूप में भी जाना जाता है.
- सुंदरगढ़ के केंदुडीही गांव के गरीब आदिवासी परिवार में जन्मे ओरम ने 1982 में इंजीनियरिंग की थी.
- राजनीति में आने से पहले भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड में काम करते थे.
- राष्ट्रीय राजनीति में आने से पहले ओरम 1989 में विधानसभा के लिए चुने गए थे.
- अंगुल जिले के तालचेर के रहने वाले 54 साल के धर्मेंद प्रधान धर्मेंद्र प्रधान, पूर्व केंद्रीय मंत्री देबेंद्र प्रधान के बेटे हैं.
- मोदी सरकार के पिछले 2 कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. उनका गृह मंत्री अमित शाह के साथ घनिष्ठ संबंध है.
- प्रधान ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, शिक्षा और कौशल विकास विभागों को संभाला है.
- उनके नाम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के सफल कार्यान्वयन का श्रेय दर्ज है.
- भुवनेश्वर के उत्कल विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की है. कॉलेज के दिनों से वो abvp से जुड़े हैं.
- प्रधान पहली बार 2000 में पल्लाहारा विधानसभा सीट से चुने गए थे
- 2019 में बीजेडी से गठबंधन टूटने के बाद प्रधान पल्लाहारा से चुनाव लड़े लेकिन हार गए
- इसके बाद उन्हें दो बार राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया
- 2004 में तत्कालीन देवगढ़ संसदीय क्षेत्र से लोकसभा में पहुंचे थे
- 2024 में 15 साल बाद उन्होंने प्रत्यक्ष चुनावी राजनीति में वापसी की और बीजद के प्रणब प्रकाश दास को 1.19 लाख मतों से हराया
- प्रधान ने बिहार में चुनाव प्रभारी और कर्नाटक, उत्तराखंड, झारखंड और ओडिशा में पार्टी मामलों के प्रभारी का काम किया है.
- अश्विनी वैष्णव मूल रूप से राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले हैं
- आईआईटी कानपुर से उन्होंने डिग्री ली है और 1994 में IAS बने
- IAS बनने के बाद उन्हें ओडिशा कैडर मिला और तभी से वो राज्य से जुड़ गए
- यहां उन्होंने बालासोर और कटक के कलेक्टर के रूप में कार्य किया
- पहले IAS और फिर उद्यमी बने वैष्णव का सियासी सफर 2018 से शुरू होता है
- 2018 में उन्हें ओडिशा से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा भेजा गया
- इन्हें राज्यसभा भेजने के लिए भाजपा के पास नंबर नहीं थे लेकिन तब BJD ने सपोर्ट किया
- इसके बाद नरेंद्र मोदी सरकार में अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री नियुक्त किया गया
- फरवरी में बीजेडी द्वारा समर्थन मिलने पर वैष्णव फिर से राज्यसभा पहुंचे
- वैष्णव को 2003 में प्रधानमंत्री कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया और उप सचिव बनाया गया
- 2004 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव का काम किया
- 2006 में मोरमुगाओ बंदरगाह प्राधिकरण का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया
- IAS छोड़ने के बाद वैष्णव ने गुजरात में दो ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित कीं
- उद्यमी बनने के बाद वो तत्कालीन गुजरात के सीएम मोदी के संपर्क में आए