Ashwini Vaishnaw: भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यानी मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत चार हजार छह सौ करोड़ रुपये की चार नई परियोजनाओं को मंजूरी दी है. ये परियोजनाएं चिप निर्माण, पैकेजिंग और उन्नत सामग्रियों के उत्पादन को बढ़ावा देंगी. इन परियोजनाओं की मदद से 2 हजार से भी ज्यादा नौकरियां पैदा होगी.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि चार नई सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. इसी के साथ अब तक छह स्वीकृत परियोजनाओं के साथ चार और जुड़ गई हैं.
सरकार की योजना के मुताबिक दो परियोजनाएं ओडिशा के भुवनेश्वर में इन्फो वैली में शुरू होंगी. SiCSem Private Limited देश की पहली वाणिज्यिक कंपाउंड सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई तैयार करेगी. यह इकाई हर साल 60,000 वेफर्स और 9.6 करोड़ यूनिट पैकेजिंग करेगी. इसके उत्पाद इलेक्ट्रिक वाहनों, रेलवे, सौर इन्वर्टर, डेटा सेंटर और मिसाइल प्रणालियों में इस्तेमाल किया जाएगा.
दूसरी परियोजना 3D ग्लास सॉल्यूशंस इंक (3DGS) की है, जो उन्नत पैकेजिंग और एम्बेडेड ग्लास सबस्ट्रेट सुविधा स्थापित करेगी. यह दुनिया की सबसे आधुनिक पैकेजिंग तकनीक लाएगी. इसकी क्षमता 69,600 ग्लास पैनल, 5 करोड़ असेंबल्ड यूनिट्स और 13,200 3D मॉड्यूल्स की होगी. यह तकनीक कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रक्षा और फोटोनिक्स में उपयोगी होगी.
आंध्र प्रदेश में दक्षिण कोरिया की APACT कंपनी के साथ मिलकर ASIP टेक्नोलॉजीज एक सेमीकंडक्टर इकाई बनाने की तैयारी है. इसके उत्पाद मोबाइल, सेट-टॉप बॉक्स और ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग होंगे. यह परियोजना भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार को मजबूत करेगी. इसके अलावा पंजाब के मोहाली में कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया लिमिटेड (CDIL) अपनी असतत सेमीकंडक्टर क्षमता बढ़ाएगी. नई सुविधा हर साल 158.38 मिलियन उच्च-शक्ति उपकरण बनाएगी. इनमें MOSFETS, IGBTs, शॉट्की डायोड और सिलिकॉन कार्बाइड ट्रांजिस्टर शामिल हैं. ये उपकरण इलेक्ट्रिक वाहनों, नवीकरणीय ऊर्जा और संचार क्षेत्र में काम आएंगे.
केंद्रीय कैबिनेट ने सेमीकंडक्टर के अलावा लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के चरण-1बी को मंजूरी मिली है. जिसके तहत 12 स्टेशनों के साथ लगभग 12 किलोमीटर का ट्रैक तैयार किया जाएगा. इस परियोजना से लखनऊ के प्रमुख क्षेत्रों में यात्रा करना आसान हो पाएगा. इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश के शि योमी जिले में 700 मेगावाट की तातो-II जल विद्युत परियोजना के निर्माण की मंजूरी मिली है. इसे 8146.21 करोड़ रुपये की लागत से 72 महीने की अवधि में तैयार किया जाएगा.