Manipur tensions: मणिपुर में तनाव कम करने की दिशा में सरकार को पहली सफलता मिली है. कुकी-ज़ो काउंसिल (KZC) ने यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं की मुक्त आवाजाही के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-02 को खोलने पर सहमति जताई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने गुरुवार को इस बात की घोषणा की.
यह राजमार्ग मणिपुर को नागालैंड और पूर्वोत्तर भारत के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण जीवन रेखा है. गृह मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "कुकी-ज़ो परिषद ने एनएच-2 पर शांति बनाए रखने के लिए भारत सरकार द्वारा तैनात सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई है." यह कदम मणिपुर में मई 2023 से चले आ रहे जातीय तनाव को कम करने और सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मंत्रालय ने बताया कि परिषद ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर इस प्रमुख राजमार्ग पर शांति सुनिश्चित करने का वादा किया है.
In a significant decision, the #Kuki-Zo Council has decided today to open the National Highway-02 for the free movement of commuters and essential goods.
— All India Radio News (@airnewsalerts) September 4, 2025
The decision came after a series of meetings between officials of Ministry of Home Affairs (@HMOIndia) and a delegation of… pic.twitter.com/cVrE3aiihX
मणिपुर में मैतेई-कुकी जातीय संघर्ष
मई 2023 में मणिपुर में मैतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच हुए संघर्ष के कारण व्यापक हिंसा फैल गई थी. इस हिंसा में जान-माल की भारी हानि हुई, हजारों लोग विस्थापित हुए, और एक गहरा मानवीय संकट उत्पन्न हो गया. एनएच-2 के बंद होने से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हुई, जिससे विस्थापित परिवारों और राहत शिविरों में रह रहे लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं. राजमार्ग को फिर से खोलने से इन समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी.
त्रिपक्षीय बैठक और नया समझौता
गृह मंत्रालय ने बताया कि गुरुवार को नई दिल्ली में मणिपुर सरकार, कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ), और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) के प्रतिनिधियों के साथ एक त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की गई. इस बैठक का समापन त्रिपक्षीय परिचालन निलंबन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर के साथ हुआ. मंत्रालय ने कहा, "बैठक का समापन त्रिपक्षीय परिचालन निलंबन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर के साथ हुआ, जिसके लिए पुनः बातचीत की गई शर्तों और नियमों (आधारभूत नियमों) को एक वर्ष की अवधि के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करने की तिथि से प्रभावी माना जाएगा."
शांति और स्थिरता के लिए संशोधित नियम
संशोधित आधारभूत नियमों में दो प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया गया है: "मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता और मणिपुर में स्थायी शांति एवं स्थिरता लाने के लिए बातचीत के माध्यम से समाधान की आवश्यकता." इसके अलावा, केएनओ और यूपीएफ ने संघर्ष की आशंका वाले क्षेत्रों से सात निर्दिष्ट शिविरों में स्थानांतरण, हथियारों को सीआरपीएफ और बीएसएफ शिविरों में जमा करने, और विदेशी नागरिकों को सूची से हटाने के लिए कठोर सत्यापन पर सहमति जताई है.