Manipur Presidents Rule: 'भाजपा में असहमति के कारण मणिपुर में राष्ट्रपति शासन हुआ लागू', कांग्रेस का भाजपा पर वार

कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अब जाकर राज्य की हिंसाग्रस्त स्थिति को ‘‘आखिरकार समझना शुरू कर दिया है.’’ उनके अनुसार, मणिपुर लंबे समय से अशांति और हिंसा की चपेट में है, लेकिन केंद्र सरकार की निष्क्रियता के चलते स्थिति बिगड़ती चली गई.

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Reepu Kumari

Manipur Presidents Rule: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष केशम मेघचंद्र ने शुक्रवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदर नेतृत्व को लेकर उत्पन्न संकट और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर आम सहमति न बनने के कारण ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की नौबत आई.

मेघचंद्र ने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और राज्य इकाई के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर गहरी असहमति थी. उन्होंने दावा किया कि पार्टी के भीतर गुटबाजी और मतभेद इतने बढ़ गए कि एक सर्वसम्मत मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका. इसी राजनीतिक अस्थिरता के कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा.

हिंसाग्रस्त राज्य की स्थिति पर केंद्र की प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अब जाकर राज्य की हिंसाग्रस्त स्थिति को ‘‘आखिरकार समझना शुरू कर दिया है.’’ उनके अनुसार, मणिपुर लंबे समय से अशांति और हिंसा की चपेट में है, लेकिन केंद्र सरकार की निष्क्रियता के चलते स्थिति बिगड़ती चली गई.

राष्ट्रपति शासन से समाधान की उम्मीद?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद प्रशासनिक व्यवस्था को स्थिर करने के प्रयास किए जाएंगे, लेकिन यह समाधान कितना प्रभावी होगा, यह समय ही बताएगा. कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने राज्य की स्थिति को नजरअंदाज किया और अब नेतृत्व संकट के चलते इस संवैधानिक कदम की जरूरत पड़ी.

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

कांग्रेस के इस बयान के बाद भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि, राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि भाजपा का आंतरिक संकट ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मुख्य वजह बना.