हार पर हार से बिखरी महाविकास अघाड़ी, क्या निकाय नतीजों ने तय कर दी BMC चुनाव की कहानी?

महाराष्ट्र स्थानीय चुनावों में महायुति ने 288 में से 215 सीटें जीतकर बड़ी बढ़त बनाई है. बीजेपी का प्रदर्शन सबसे मजबूत रहा. कमजोर नतीजों से MVA में भविष्य और नगर निगम चुनावों को लेकर नई सियासी बहस तेज हो गई है.

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Kanhaiya Kumar Jha

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों ने राज्य की राजनीति की दिशा और दशा दोनों पर बड़ा असर डाला है. 288 शहरी निकायों में हुए चुनाव में सत्ताधारी महायुति ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 215 शीर्ष पदों पर कब्जा जमाया है, जबकि महा विकास अघाड़ी को सिर्फ 51 पदों से संतोष करना पड़ा. इन नतीजों के बाद महायुति इसे विकास की जीत बता रही है, वहीं अघाड़ी सरकार पर धनबल के इस्तेमाल का आरोप लगा रही है.

नगर परिषद और नगर पंचायतों के साथ हुए इन चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी और सबसे सफल पार्टी बनकर उभरी है. महायुति में शामिल दलों को मिले शीर्ष पदों में बीजेपी को 129, शिवसेना को 51 और एनसीपी को 35 पद हासिल हुए. इसके मुकाबले अघाड़ी खेमे में कांग्रेस को 35, उद्धव ठाकरे गुट को 9 और शरद पवार की एनसीपी को सिर्फ 7 पद मिले. आंकड़े साफ बताते हैं कि शहरी मतदाताओं में महायुति की पकड़ मजबूत हुई है.

विकास बनाम आरोपों की राजनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तक महायुति के नेताओं ने इस जीत को विकास की नीतियों पर जनता की मुहर बताया है. दूसरी ओर महा विकास अघाड़ी के नेताओं का आरोप है कि यह जीत जनसमर्थन की नहीं बल्कि पैसे बांटकर हासिल की गई है. दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप से राजनीतिक माहौल और गर्म हो गया है.

बीजेपी का स्ट्राइक रेट सबसे ऊंचा

पूरे राज्य में पार्षद पदों के चुनाव में बीजेपी का स्ट्राइक रेट सबसे अधिक रहा. पार्टी ने 3450 सीटों पर चुनाव लड़ा और 2180 सीटों पर जीत दर्ज की. इसका स्ट्राइक रेट 63.1 प्रतिशत रहा, जो 2020-21 के मुकाबले करीब 12 प्रतिशत ज्यादा है. शिवसेना ने 1620 सीटों पर चुनाव लड़कर 890 सीटें जीतीं और 54.9 प्रतिशत का स्ट्राइक रेट हासिल किया. एनसीपी ने 1150 सीटों पर लड़कर 510 सीटें जीतीं, जो 44.3 प्रतिशत रहा.

MVA का कमजोर प्रदर्शन

महा विकास अघाड़ी के घटक दल इस चुनाव में बिखरते नजर आए. कांग्रेस ने 1980 सीटों पर उम्मीदवार उतारे लेकिन सिर्फ 495 सीटें जीत सकी, यानी स्ट्राइक रेट 25 प्रतिशत रहा. यह 2020-21 के मुकाबले 5 प्रतिशत कम है. उद्धव ठाकरे की पार्टी ने 1540 सीटों पर लड़कर सिर्फ 285 सीटें जीतीं और 18.5 प्रतिशत का स्ट्राइक रेट दर्ज किया. शरद पवार गुट की एनसीपी ने 1100 सीटों पर चुनाव लड़कर केवल 190 सीटें जीतीं, जो 17.2 प्रतिशत रहा.

नगर निगम चुनावों पर टिकी नजर

अब सियासी चर्चा 15 जनवरी को होने वाले नगर निगम चुनावों पर आकर टिक गई है. बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, जबकि कांग्रेस ने अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया है. उद्धव ठाकरे गुट राज ठाकरे की एमएनएस के साथ गठबंधन की कोशिशों में जुटा है, लेकिन कांग्रेस को लेकर तल्ख बयानबाजी ने अघाड़ी की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी का भविष्य और कमजोर होने जा रहा है.