Devendra Fadnavis and Eknath Shinde: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच तनाव की खबरें सुर्खियों में हैं. इस बार विवाद का केंद्र बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (BEST) के जनरल मैनेजर की नियुक्ति है. 5 अगस्त, 2025 को महाराष्ट्र सरकार ने एक ही दिन में एक ही पद के लिए दो अलग-अलग अधिकारियों की नियुक्ति के आदेश जारी किए, जिसने प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी. यह घटना महायुति गठबंधन के भीतर सत्ता और प्रभाव के लिए चल रही खींचतान को उजागर करती है.
बेस्ट के जनरल मैनेजर का पद पिछले जनरल मैनेजर एसवीआर श्रीनिवास के रिटायर होने के बाद खाली हुआ था. इसके बाद, शिंदे के नियंत्रण वाले नगरीय विकास विभाग ने मुंबई की अतिरिक्त आयुक्त अश्विनी जोशी को बेस्ट का जनरल मैनेजर नियुक्त किया. लेकिन, उसी दिन कुछ घंटों बाद, फड़नवीस के सामान्य प्रशासन विभाग ने जीएसटी आयुक्त आशीष शर्मा को उसी पद का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया. इस दोहरी नियुक्ति ने सवाल खड़े किए कि आखिर सरकार के भीतर समन्वय की कमी क्यों है?
जब फड़नवीस से इस भ्रम के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया, 'मैं बेस्ट के बारे में फैसला नहीं लेता, यह काम बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) करता है.' वहीं, नगरीय विकास विभाग ने सफाई दी कि अश्विनी जोशी की नियुक्ति का कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ था, और वह केवल अस्थायी रूप से प्रभार संभाल रही थीं.
विपक्ष ने इस घटना को महायुति गठबंधन में दरार का सबूत बताते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने इसे 'सीएम और डिप्टी सीएम के बीच गैंगवार' करार दिया. उन्होंने कहा, 'अधिकारियों के तबादलों को लेकर फड़नवीस और शिंदे में जंग छिड़ी है. एक ही पद पर दो अधिकारियों की नियुक्ति से जनता यह सोचने को मजबूर है कि यह सरकार है या सत्ता की जमीनी लड़ाई.'
शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने भी महायुति सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'मुख्यमंत्री के जीएडी ने एक नाम को प्रशासक के रूप में नियुक्त किया, जबकि शिंदे के यूडी विभाग ने दूसरे नाम को आदेश जारी किया. क्या डिप्टी सीएम को पहले सीएम से चर्चा नहीं करनी चाहिए थी? इस अहंकार की लड़ाई में हमारा राज्य क्यों पीड़ित हो?'