Ladakh Protest: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने लद्दाख स्थित शिक्षाविद और कार्यकर्ता सोनम वांगचुक द्वारा स्थापित संस्थानों से जुड़े विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) ने कथित उल्लंघन की जांच शुरू की है, अधिकारियों ने यह जानकारी दी. सीबीआई के सूत्रों के अनुसार, यह जांच विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के कथित उल्लंघन से संबंधित है. अगस्त में लद्दाख प्रशासन ने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लर्निंग (HIAL) को पहले दी गई भूमि आवंटन को रद्द कर दिया था.
इस जांच को लेकर वांगचुक ने बताया कि सीबीआई की एक टीम लगभग दस दिन पहले एक आदेश लेकर आई थी जिसमें कहा गया था कि वे हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) में संभावित (FCRA) उल्लंघनों से संबंधित गृह मंत्रालय की शिकायत पर कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'आदेश में कहा गया ता कि हमने विदेशी धन प्राप्त करने के लिए एफसीआरए के तहत मंजूरी नहीं ली है. हम विदेशी धन पर निर्भर नहीं रहना चाहते, लेकिन हम अपने ज्ञान का निर्यात करते हैं और राजस्व जुटाते हैं. ऐसे तीन मामलों में उन्हें लगा कि यह विदेशी योगदान है.'
VERY SAD EVENTS IN LEH
My message of peaceful path failed today. I appeal to youth to please stop this nonsense. This only damages our cause.#LadakhAnshan pic.twitter.com/CzTNHoUkoC— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) September 24, 2025Also Read
1989 के बाद क्षेत्र में सबसे भीषण हिंसा
इसी बीच स्टेटहुड का दर्जा बहाल करने के लिए लद्दाख में तनाव चरम पर पहुंच गया है. बुधवार को लेह में 1989 के बाद से सबसे भीषण हिंसा हुई. युवाओं ने वाहनों को आग लगा दी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. लोगों ने बीजेपी का कार्यलाय भी फूंक दिया. हिंसक प्रदर्शन के जवाब में पुलिस की जवाबी कार्रवाई में 5 लोगों की मौत भी हो गई. इस हिंसा के बाद पूरे शहर में बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी गई है जिसके तहत एक साथ 5 या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध होगा.
हम पर हर तरफ से तानी जा रहीं बंदूकें
वांगचुक ने कहा कि सीबीआई की टीम ने HIAL और SECMOL का दौरा किया और 2022 से 2024 के बीच प्राप्त धनराशि का ब्योरा मांगा. उन्होंने कहा कि हमें विदेशों से जो भी धन प्राप्त हुआ उसका हमने टैक्स अदा किया और यह धनराशि हमें यूएन, एक स्विस विश्वविद्यालय और इटालियन ऑर्गनाइजेशन के लिए काम करने के एवज में मिली. उन्होंने आरोप लगाया, 'जब उन्हें समझ में आ गया कि सब कुछ बैध तरीके से हुआ और इससे अब उन्हें कोई मदद नहीं मिलेगी तो उन्होंने इस अवधि से बाहर का ब्योरा मांगना शुरू कर दिया.'
लद्दाख में डेरा डाले हुए हैं सीबीआई के अधिकारी
वांगचुक ने कहा कि जांचकर्ताओं ने अपनी जांच निर्धारित समय सीमा से आगे बढ़ा दी. इसके अलावा उन्होंने उन स्कूलों की भी जांच की जिसका नाम शिकायत में दर्ज ही नहीं था. उन्होंने कहा कि ये स्कूल जरूरतमंदों को फ्री में शिक्षा उपलब्ध कराते हैं, उन्होंने वजीफा भी दिया जाता है. वांगचुक ने कहा कि सीबीआई के अधिकारी अभी भी लद्दाख में डेरा डाले हुए हैं और लगातार रिकॉर्ड्स खंगाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जबकि उनसे निजी तौर पर कोई पूछताछ नहीं हुई है.
पट्टे की फीस जमा ना करने का लगाया आरोप
सामाजिक कार्यकर्ता वांगचुक ने कहा कि उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है. स्थानीय पुलिस ने उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया है. इसके अलावा HAIL के लिए पट्टे पर ली गई जमीन का पट्टा फीस जमा ना करने के आरोप लगाकर रद्द करने का आदेश जारी किया गया है. वांगचुक ने कहा कि हर कोई जानता है कि हमारे पास दस्तावेज हैं. वांगचुक ने कहा कि सरकार ने उनसे मांफी मांगते हुए खुद कहा था कि उनकी लीज पॉलिसी अभी तक बनी नहीं है और इसलिए वे अभी शुल्क नहीं ले सकते, इसलिए हमारा सहयोग करते हुए अपना निर्माण कार्य जारी रखें.
लद्दाख में कोई टैक्स नहीं लगता
वांगचुक ने आगे आरोप लगाया कि इसके बाद आयकर विभाग द्वारा समन जारी किए गए और अवैतनिक मजदूरों के बारे में एक पुरानी शिकायत फिर से शुरू कर दी गई. वांगचुक ने कहा कि इसमें सबसे मजेदार बात ये है कि लद्दाख एक ऐसी जगह है जहां कोई टैक्स नहीं लगता, फिर भी मैं स्वेच्छा से टैक्स भरता हूं और फिर भी मुझे समन मिलते हैं. फिर उन्होंने एक चार साल पुरानी शिकायत खोल दी कि मजदूरों को ठीक से उनका मेहनताना नहीं दिया जाता. हम पर हर तरफ से बंदूकें तानी जा रही हैं.