chaitanyananda saraswati: कम से कम 19 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी दिल्ली के स्वयंभू धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती खुद को एक उच्च शिक्षित प्रबंधन गुरु और एक प्रतिष्ठित लेखक बताते हैं. अपनी इस कुकृत्य के सामने आने के बाद से चैतन्यानंद सरस्वती फरार चल रहे हैं.
अकादमिक शोध-साझाकरण प्लेटफ़ॉर्म पर चैतन्यानंद की प्रोफ़ाइल में बताया गया है कि उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है. इसमें यह भी दावा किया गया है कि उन्होंने पोस्ट-डॉक्टरल और डी.लिट. की उपाधि प्राप्त की है, और उनके पास भारत और विदेश के विश्वविद्यालयों से सात मानद डी.लिट. की उपाधियां हैं.
कई किताब लिखने का दावा
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध उनकी किताबों के लेखक पृष्ठों पर ये दावे दोहराए गए हैं. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा है कि उन्हें संदेह है कि इनमें से कई दावे फर्ज़ी हैं और इन्हें बेनकाब करने के लिए गहन जांच जारी है. इन पुस्तकों के कवर पर चैतन्यानंद ने अपना परिचय एक "अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित लेखक" के रूप में दिया है, जिन्होंने 28 शीर्षक और 143 शोध पत्र लिखे हैं.
स्टीव जॉब्स का एक प्रस्तावना लेख
उनकी एक किताब, "फॉरगेट क्लासरूम लर्निंग" में एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स का एक प्रस्तावना लेख है. किताब के पहले पन्ने पर जॉब्स के हवाले से लिखा गया है कि चैतन्यानंद की किताब "प्रबंधन की व्यावहारिक दुनिया के लिए एक अभूतपूर्व प्रारंभिक और मार्गदर्शक पुस्तिका है."
चैतन्यानंद की एक किताब के लेखक परिचय में यह भी दावा किया गया है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने चुनाव अभियान के दौरान उनकी किताब, "ट्रांसफॉर्मिंग पर्सनैलिटी" का बार-बार ज़िक्र किया था. इसमें यह भी दावा किया गया है कि यह किताब 2007 में यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी बाज़ारों में सबसे ज़्यादा बिकने वाली किताबों में से एक थी. पुस्तक में संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून का एक प्रशंसा संदेश भी शामिल है.
शैक्षणिक प्रोफाइल में दी गई अधिकांश जानकारी फर्जी?
पुलिस का अब मानना है कि चैतन्यानंद के शैक्षणिक प्रोफाइल में दी गई अधिकांश जानकारी फर्जी है. वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट में छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद, जिसके वे निदेशक थे, स्वयंभू धर्मगुरु अब फरार हैं. पुलिस ने उसे देश छोड़कर भागने से रोकने के लिए लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया है. जाँच से पता चला है कि चैतन्यानंद लगभग दो दशकों से महिलाओं का उत्पीड़न कर रहा था और उस पर 2009 और 2016 में भी छेड़छाड़ के आरोप लगे थे.