केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने गुरुवार (14 अगस्त) को एर्नाकुलम के उप शिक्षा निदेशक को कोचीन पब्लिक स्कूल, त्रिक्काकारा में पांचवीं कक्षा के एक छात्र को अंधेरे कमरे में बंद करने के आरोपों पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. इस शिकायत के अनुसार, छात्र सुबह 8:33 बजे स्कूल पहुंचा, जो कक्षाएं शुरू होने के तीन मिनट बाद था. उसे पहले मैदान में दो चक्कर दौड़ने के लिए कहा गया और फिर कथित तौर पर एक अंधेरे कमरे में बंद कर दिया गया.
शिकायत के मुताबिक, छात्र के माता-पिता को इस घटना की जानकारी तब दी गई, जब उसे कमरे में बंद कर दिया गया था. मामले के सामने आने पर माता-पिता और बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
स्कूल के खिलाफ क्या लगे आरोप!
उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने अभद्र व्यवहार किया और शुरू में कहा कि छात्र को स्कूल में पढ़ाई जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी. विरोध बढ़ने पर त्रिक्काकारा पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. बढ़ते दबाव के बीच प्रबंधन ने नरम रुख अपनाया और अब सुलह की बातचीत चल रही है.
शिक्षा मंत्री का बयान!
शिक्षा मंत्री ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "किसी भी शिक्षक या प्रबंधन को बच्चे के साथ इस तरह का व्यवहार करने का अधिकार नहीं है." उन्होंने कहा कि देर से आने वाले छात्रों को सलाह दी जा सकती है, लेकिन बच्चे की मानसिक स्थिति को नुकसान पहुंचाने वाली सजा स्वीकार्य नहीं है.
मंत्री ने बताया कि उप शिक्षा निदेशक की तत्काल रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि सरकारी उपायों से ऐसी घटनाएं कम हुई हैं, लेकिन शिक्षकों के लिए उचित प्रशिक्षण की कमी इसका कारण हो सकती है. सरकार सभी शिक्षा प्रणालियों में शिक्षकों के लिए संरचित प्रशिक्षण पर विचार करेगी.