Abhijit Gangopadhyay: अपने फैसले के कारण कई बार चर्चे में रहने वाले कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने यह ऐलान किया है कि वह 7 मार्च को बीजेपी में शामिल होंगे. कलकत्ता HC के न्यायाधीश के पद से इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी अंतरात्मा ने उनसे कहा है कि इस कर्तव्य में उनकी भूमिका अब समाप्त हो गई है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा है और उसकी प्रतियां सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिव गणनम को भेजी गई है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अभिजीत गंगोपाध्याय ने बताया कि मैं कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दे रहा हूं. उन्होंने आगे कहा कि पिछले दो या अधिक वर्षों से मैंने कुछ मामलों को संभाला है, जिसमें मैंने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से संबंधित खुलासे हुए हैं.
ममता सरकार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र के कई प्रभावशाली लोग अब जेल में हैं और मुकदमे का सामना कर रहे हैं. शिक्षा के बाद मैंने श्रम संबंधी केस लिए जिसमें भविष्य निधि ग्रेच्युटी आदि को लेकर भी बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की जाती है. उन मामलों में कुछ आदेश भी जारी किए गए हैं. इसी बीच मुझे यह लगा कि मेरा कर्तव्य पूरा हो गया और यह मेरी अंतरात्मा की आवाज है.
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चे में रहे थे जब पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित कई मामलों में सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे. इस मामले में उन्होंने केस दर्ज करने से लेकर कई मंत्रियों और शिक्षा बोर्ड के अध्यक्षों सहित अन्य आरोपियों से आधी रात को पूछताछ करने के लिए निर्देश भी दिए थे.
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय को कई बार विवादों का भी सामना करना पड़ा था. वह सीबीआई की आलोचना करने से लेकर ममता सरकार के खिलाफ बयान देने के मामले में विवादों का भी सामना कर चुके हैं. गंगोपाध्याय ने एक बार टीएमसी पर हमला बोलते हुए पश्चिम बंगाल को 'चोरों का साम्राज्य' बताते हुए कहा था कि वह कभी भी पार्टी में शामिल नहीं होंगे.