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Chaudhary Charan Singh: किसान से प्रधानमंत्री तक का सफर, जानें चौधरी चरण सिंह से जुड़ी खास बातें

किसानों के मसीहा माने जाने वाले चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को मेरठ जिले के नूरपुर में किसान परिवार में हुआ था. विज्ञान से स्नातक की और 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की. 1929 में मेरठ आ गये और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए.

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Edited By: Gyanendra Sharma
chaudhary charan singh
Courtesy: Social Media

भारत के पाचंवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 23 दिसंबर को जयंती है. किसानों के हकों की लड़ाई लड़ने वाले चौधरी चरण सिंह सादगी और ईमानदारी की मिसाल थे। चौधरी चरण सिंह की जंयती के दिन भारत में किसान दिवस मनाया जाता है. भारत सरकार ने 2001 में 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में माने का फैसला किया था. 

किसानों के मसीहा माने जाने वाले चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को मेरठ जिले के नूरपुर में किसान परिवार में हुआ था. विज्ञान से स्नातक की और 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की.  1929 में मेरठ आ गये और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए.  इस दौरान वे छपरौली से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए और फिर 1946, 1952, 1962 एवं 1967 में विधानसभा में अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने गायत्री देवी के साथ शादी के सात फेरे लिए. 

किसान राजनेता और पांचवे प्रधानमंत्री

चौधरी चरण सिंह भारत के किसान राजनेता और पांचवे प्रधानमंत्री थे. उन्होंने उत्तर प्रदेश के सीएम का पद भी संभाला.  1967 में चौधरी चरण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद 1968 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन 17 फरवरी 1970 में दोबारा वो यूपी के सीएम बने. चौधरी चरण सिंह देश के गृहमंत्री भी बने. उन्होंने मंडल और अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की. चौधरी चरण सिंह का यूपी के सहारनपुर से खास नाता रहा है. 

बेटा अजीत सिंह 

चौधरी चरण सिंह ने पंडित जवाहर लाल नेहरू से मतभेदों के चलते कांग्रेस छोड़ दी. उन्होंने भारतीय क्रांति दल की स्थापना की. चौधरी चरण सिंह के बेट चौधरी अजीत सिंह का जन्म 12 फरवरी 1939 को हुआ था. वे भारत के कृषि मंत्री रहे और वो साल 2011 से केन्द्र की यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे. अजीत सिंह उत्तर प्रदेश के बागपत से निर्वाचित सांसद भी रहे थे, लेकिन कोरोना के कारण 6 मई 2021 को गुरुग्राम में उनकी मृत्यु हो गई.