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India Daily

श्रीनगर पुलिस ने बड़ा आतंकी हमला किया नाकाम, डलगेट में तीन हथियारबंद संदिग्ध गिरफ्तार, शहर में सुरक्षा कड़ी

श्रीनगर में गिरफ्तार किए गए तीन व्यक्तियों की पहचान शाह मुतैयब और कामरान हसन शाह के रूप में हुई है, जो कुलीपोरा खानयार के निवासी हैं, और मोहम्मद नदीम, जो उत्तर प्रदेश के मेरठ के मूल निवासी हैं, वर्तमान में कावा मोहल्ला, खानयार में रह रहे हैं.

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Edited By: Reepu Kumari
Srinagar Police Thwarts Major Terror Plot, Three Armed Suspects Arrested
Courtesy: @SrinagarPolice

जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर पुलिस ने एक बड़ा आतंकी हमला नाकाम किया है. साथ ही तीन संदिग्ध को गिरफ्तार भी किया है. गिरफ्तार तीन व्यक्तियों की पहचान शाह मुतैयब और कामरान हसन शाह के रूप में हुई है. संदिग्ध कुलीपोरा खानयार के निवासी है, और मोहम्मद नदीम, जो उत्तर प्रदेश के मेरठ के मूल निवासी है. वर्तमान में कावा मोहल्ला, खानयार में रह रहे हैं. राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के खिलाफ एक निर्णायक प्रहार करते हुए, श्रीनगर पुलिस ने गुरुवार देर रात ममता चौक, कोनाखान, डलगेट के पास तीन लोगों को गिरफ्तार करके एक आतंकी हमले की कोशिश को नाकाम कर दिया.

यह घटना नियमित वाहन जांच के दौरान हुई जब बिना पंजीकरण संख्या वाली एक काली रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल ने पुलिस का ध्यान अपनी ओर खींचा. रुकने का इशारा करने पर, सवार और दो अन्य लोगों ने भागने की कोशिश की, लेकिन ड्यूटी पर तैनात सतर्क अधिकारियों ने उन्हें तुरंत रोक लिया.

गिरफ्तारियां और जब्ती: पहचान उजागर

गिरफ्तार किए गए तीन संदिग्धों की पहचान शाह मुतैयब (कुलीपोरा खानयार निवासी), कामरान हसन शाह (कुलीपोरा खानयार निवासी) और मोहम्मद नदीम (उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी, जो वर्तमान में खानयार के कावा मोहल्ला में रह रहे हैं) के रूप में हुई है. तलाशी में उनके पास से एक देसी पिस्तौल ("देसी कट्टा") और नौ ज़िंदा कारतूस बरामद हुए, जिससे एक सुनियोजित आतंकी वारदात की आशंका की पुष्टि हुई.

एफआईआर दर्ज, जांच का विस्तार

खानयार पुलिस स्टेशन में आर्म्स एक्ट, यूएपीए और मोटर व्हीकल एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर संख्या 51/2025 दर्ज की गई है. शुरुआती जाँच से पता चलता है कि तीनों ज़ब्त किए गए हथियार और गोला-बारूद का इस्तेमाल करके आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे. अधिकारी अब संदिग्धों के नेटवर्क, सहयोगियों और किसी भी व्यापक आतंकी संबंध का पता लगाने के लिए आगे की जांच कर रहे हैं. 

श्रीनगर पुलिस की सतर्कता का प्रमाण

श्रीनगर पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया और प्रभावी कार्रवाई ने एक बड़े हमले को टाल दिया, जिससे शहर की शांति और सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का पता चलता है. अधिकारियों ने अपने कर्मियों की पेशेवर कुशलता की सराहना की और विध्वंसकारी तत्वों को नाकाम करने के लिए निरंतर सतर्कता बरतने पर ज़ोर दिया.

कश्मीर में नए सिरे से आतंकवादी लामबंदी

भारतीय सुरक्षा बलों के ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए पहलगाम में आतंकवादी ढाँचे को कमज़ोर करने के छह महीने बाद, ताज़ा खुफिया जानकारी से जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों के फिर से संगठित होने के संकेत मिले हैं.

पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM), ISI और उसके विशिष्ट SSG कमांडो के सक्रिय समर्थन से, पूरे क्षेत्र में समन्वित हमलों की तैयारी कर रहे हैं. इन कदमों को उग्रवाद नेटवर्क को फिर से ज़िंदा करने और साल की शुरुआत में हुए नुकसान का बदला लेने की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है.

ड्रोन और सीमा पार छापे बढ़ रहे हैं

एजेंसियों ने सितंबर से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर ड्रोन गतिविधियों में वृद्धि देखी है, जिसका श्रेय शमशेर की कमान वाली लश्कर इकाई को दिया जा रहा है. ड्रोन ने रणनीतिक स्थानों की टोह ली है, जाहिर तौर पर आत्मघाती हमलावरों के लिए लैंडिंग ज़ोन की तलाश में या संशोधित पेलोड का उपयोग करके संभावित हवाई हमलों के लिए.

इसके समानांतर, पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) - आतंकवादियों और पूर्व एसएसजी कमांडो का एक समूह - को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घूमते देखा गया है, जो अचानक घुसपैठ और सीमा पार घात लगाने की योजना का संकेत देता है.

गुप्त बैठकें और उग्रवाद रणनीति

खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि अक्टूबर के दौरान पीओके में जमात-ए-इस्लामी, हिज़्बुल मुजाहिदीन और आईएसआई के गुर्गों के बीच गुप्त बैठकें हुईं. इन बैठकों में, निष्क्रिय आतंकवादी समूहों को फिर से सक्रिय करने की योजना बनाई गई थी, और पूर्व आतंकवादी कमांडरों को कथित तौर पर मासिक भुगतान और कश्मीर में निष्क्रिय नेटवर्क को पुनर्जीवित करने के आदेश दिए गए थे. यह नया उग्रवाद अभियान ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुई असफलताओं का बदला लेने के उद्देश्य से प्रतीत होता है.