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India Daily

तुलबुल वाटर प्रोजेक्ट को लेकर CM उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती में महासंग्राम, X पर छेड़ी जंग

यह विवाद जम्मू-कश्मीर में जल संसाधनों और क्षेत्रीय हितों से जुड़े गहरे मुद्दों को उजागर करता है. सीएम उमर और महबूबा के बीच यह तीखी बहस क्षेत्र की राजनीति और सिंधु जल संधि के भविष्य पर चर्चा को और तेज कर सकती है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Mehbooba Mufti AND Omar Abdullah
Courtesy: Social Media

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के बीच तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट को लेकर X पर तीखी नोकझोंक देखने को मिली. इस दौरान सीएम उमर ने महबूबा पर प्रोजेक्ट के विरोध के लिए तीखा हमला बोला और कहा, "सीमा पार बैठे कुछ लोगों को खुश करने और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की अंधी लालसा के कारण आपकी यह हरकत दुर्भाग्यपूर्ण है."

तुलबुल प्रोजेक्ट पर विवाद की शुरुआत

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार (15 मई) को उमर अब्दुल्ला ने X पर एक पोस्ट में तुलबुल नेविगेशन बैराज प्रोजेक्ट को पुनर्जनन की वकालत की. यह प्रोजेक्ट 1980 के दशक में शुरू हुआ था, लेकिन पाकिस्तान के दबाव में, सिंधु जल संधि का हवाला देकर इसे रोक दिया गया था. पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद, उमर ने सवाल उठाया कि क्या अब इस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू किया जा सकता है. इस पर उन्होंने तर्क दिया कि यह प्रोजेक्ट झेलम नदी को नौवहन के लिए उपयोगी बनाएगा और सर्दियों में डाउनस्ट्रीम प्रोजेक्ट्स के लिए बिजली उत्पादन को बढ़ाएगा.

जानें PDP चीफ महबूबा मुफ्ती ने क्यों किया विरोध?

शुक्रवार (16 मई) को महबूबा मुफ्ती ने सीएम उमर अब्दुल्ला के इस कदम को "बेहद दुर्भाग्यपूर्ण" करार दिया. उन्होंने उमर के बयानों को उत्तेजक बताते हुए कहा, "ऐसे समय में जब दोनों देश एक पूर्ण युद्ध के कगार से पीछे हटे हैं. जहां जम्मू-कश्मीर ने निर्दोष लोगों की जान, व्यापक विनाश और भारी पीड़ा झेली है. ऐसे बयान न केवल गैर-जिम्मेदार हैं, बल्कि खतरनाक रूप से उत्तेजक भी हैं.

" प्रोजेक्ट के विरोध में उन्होंने आगे कहा, "हमारे लोगों को भी देश के बाकी लोगों की तरह शांति का हक है. पानी जैसी आवश्यक और जीवनदायी चीज को हथियार बनाना न केवल अमानवीय है, बल्कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बनाने का जोखिम भी पैदा करता है."

CM उमर ने किया पलटवार

पीडीपी चीफ महबूबा के बयान पर उमर ने जवाब दिया, "वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि सस्ती लोकप्रियता और सीमा पार कुछ लोगों को खुश करने की अंधी लालसा में, आप यह स्वीकार करने से इनकार करती हैं कि सिंधु जल संधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों के साथ सबसे बड़ा ऐतिहासिक विश्वासघात है."

संधि के खिलाफ बोलते हुए उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा इस संधि का विरोध किया है और आगे भी करता रहूंगा. एक स्पष्ट रूप से अनुचित संधि का विरोध करना किसी भी तरह से युद्ध भड़काना नहीं है. यह एक ऐतिहासिक अन्याय को ठीक करने की बात है, जिसने जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने पानी के उपयोग के अधिकार से वंचित किया.