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India Daily

Bluebird Block-2 Satellite Launch: ISRO का ब्लूबर्ड-2 सैटेलाइट लॉन्च, जानिए यह मिशन क्यों है खास

ISRO 1 जनवरी 2026 से पहले अपना सबसे बड़ा कम्युनिकेशन सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 लॉन्च हो गया है. बताया जा रहा है यह आम लोगों के लिए बहुत खास होने वाला है.

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Edited By: Reepu Kumari
Bluebird Block-2 Satellite Launch
Courtesy: ISRO

बेंगलुरु से आई बड़ी खबर ने अंतरिक्ष प्रेमियों और मोबाइल यूजर्स में उत्साह बढ़ा दिया है. इसरो आज ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को लॉन्च हो गया है, जो दुनिया में मोबाइल कनेक्टिविटी को नए स्तर पर ले जाएगा. यह लॉन्च श्रीहरिकोटा से सुबह 8.54 बजे हुआ. 43.5 मीटर लंबा एलवीएम3 रॉकेट इस मिशन का मुख्य प्रक्षेपण यान है, जो अब तक का सबसे भारी पेलोड है. 

इसरो प्रमुख वी. नारायणन पहले ही 22 दिसंबर को तिरुमला मंदिर में पूजा कर चुके हैं और अब मिशन की निगरानी के लिए लॉन्च सेंटर पर मौजूद हैं. यह मिशन एक कमर्शियल समझौते के तहत किया जा रहा है, जिसमें अमेरिकी कंपनी का संचार उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा गया है. खास बात यह है कि इसके लिए मोबाइल में किसी अलग उपकरण की जरूरत नहीं होगी. यह सैटेलाइट सीधे सामान्य स्मार्टफोन तक हाई स्पीड 4G और 5G इंटरनेट पहुंचाएगा.

सफल लॉन्च

डॉ. जितेंद्र सिंह (केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री) ने एक्स हैंडल पर लिखा 'ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 को ले जाने वाले एलवीएम3-एम6 के सफल प्रक्षेपण के लिए टीम को बधाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी संरक्षण में यह संभव हुआ.'

 

रिकॉर्ड तोड़ पेलोड

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 का वजन 6,100 किलोग्राम है, जो एलवीएम3 रॉकेट के इतिहास में एलईओ कक्षा में भेजा जाने वाला सबसे भारी पेलोड है. इससे पहले यह रिकॉर्ड 4,400 किलोग्राम वाले सीएमएस-03 सैटेलाइट के नाम था. इस सफलता से इसरो कमर्शियल लॉन्चिंग में भी अपनी मजबूत पकड़ साबित कर रहा है. यह लॉन्च इसरो की कमर्शियल कंपनी एनएसआईएल और एएसटी स्पेसमोबाइल के बीच समझौते के तहत हो रहा है, जिसका मकसद ग्लोबल मोबाइल कनेक्टिविटी को बढ़ाना है.

15 मिनट में  कमाल

एलवीएम3 एक तीन-स्टेज वाला रॉकेट है, जिसमें दो बड़े सॉलिड बूस्टर, एक लिक्विड स्टेज और एक क्रायोजेनिक इंजन होता है. यह टेकऑफ के लिए जबरदस्त ताकत देता है. लॉन्च के करीब 15 मिनट बाद सैटेलाइट रॉकेट से अलग हो गया और लगभग 600 किमी ऊपर अपनी तय कक्षा में पहुंच गया. वहीं से यह काम करना शुरू करेगा. यह पूरी प्रक्रिया बेहद तेज और सटीक है, जिससे सैटेलाइट को बिना किसी रुकावट के उसकी सही जगह पर स्थापित किया जा सकेगा.

स्मार्टफोन में सीधे आएगा इंटरनेट 

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 का मकसद मोबाइल टावर और फाइबर नेटवर्क के बिना इंटरनेट देना है. यह सैटेलाइट सीधे 4G और 5G नेटवर्क को आपके स्मार्टफोन तक पहुंचाएगा. यूजर्स बिना सिम बदलें, बिना फोन अपग्रेड किए, स्पेस से मिलने वाली कनेक्टिविटी का फायदा उठा सकेंगे. इसके जरिए वीडियो कॉल, डेटा स्ट्रीमिंग, मैसेजिंग और तेज इंटरनेट मिल सकेगा. कंपनी पहले ही 50 से ज्यादा मोबाइल ऑपरेटरों से साझेदारी कर चुकी है, जिससे यह नेटवर्क दुनिया भर में फैल सकेगा.

अब तक का सबसे बड़ा एंटीना

इस सैटेलाइट में 223 वर्ग मीटर का बड़ा फेज़्ड-एरे एंटीना लगा है, जो इसे अंतरिक्ष में अब तक भेजा गया सबसे बड़ा कमर्शियल कम्युनिकेशन एंटीना बनाता है. यह एंटीना सिग्नल को मजबूत, तेज और बिना रुकावट के पहुंचाने में मदद करेगा. इसी तकनीक से सैटेलाइट पृथ्वी के हर कोने में मोबाइल नेटवर्क भेज पाएगा. इसका सीधा फायदा ग्रामीण इलाकों, पहाड़ी क्षेत्रों और दूर-दराज की जगहों पर मिलेगा, जहां आज भी नेटवर्क एक बड़ी समस्या है.

इसरो की नई कमर्शियल ताकत 

एएसटी स्पेसमोबाइल 2024 में पहले ही पांच ब्लूबर्ड सैटेलाइट भेज चुकी है और अब यह नया सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन को और मजबूत करेगा. इसरो पहले भी चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और वनवेब जैसे बड़े मिशनों को सफल बना चुका है. अब यह लॉन्च कमर्शियल स्पेस मार्केट में भी भारत की साख बढ़ाएगा. यह मिशन दिखाता है कि इसरो सिर्फ रिसर्च ही नहीं, बल्कि बड़े कमर्शियल प्रोजेक्ट्स को भी उतनी ही मजबूती से पूरा कर सकता है.