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India Daily

सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी की भूटान यात्रा, भारत-भूटान रक्षा सहयोग को नई मजबूती

अपनी यात्रा के दौरान, भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सम्त्से के ताशिछोएलिंग में जमत्शोलिंग ग्याल्त्सेन अकादमी का दौरा किया. उन्हें भूटान के ग्याल्सुंग राष्ट्रीय सेवा कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी गई.

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Edited By: Mayank Tiwari
General Upendra Dwivedi
Courtesy: Social Media

भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भूटान में हैं, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे रक्षा सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करना है. यह यात्रा भारत और भूटान के बीच मजबूत दोस्ती का प्रतीक है.

भूटान के राजा और सैन्य अधिकारियों से मुलाकात

1 जुलाई 2025 को जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भूटान के राजा महामहिम जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और पूर्व राजा तथा वर्तमान राजा के पिता महामहिम जिग्मे सिंगे वांगचुक से मुलाकात की. उन्होंने रॉयल भूटान आर्मी के चीफ ऑपरेशंस ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल बटू त्शेरिंग के साथ भी गहन चर्चा की, जिसमें क्षेत्रीय सुरक्षा और द्विपक्षीय सहयोग के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दोहराया गया. इसके अतिरिक्त, जनरल द्विवेदी ने भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों से भी बातचीत की.

सैन्य प्रशिक्षण और परियोजनाओं का दौरा

2 जुलाई को जनरल द्विवेदी ने भारतीय सैन्य प्रशिक्षण टीम (आईएमटीआरएटी) और प्रोजेक्ट डेंटक का दौरा किया. उन्होंने वांगचुक लो द्ज़ोंग सैन्य अस्पताल का भी अवलोकन किया और बाद में वांगचुक लो द्ज़ोंग सैन्य स्कूल में प्रशिक्षकों और छात्रों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों में क्षमता निर्माण और सैन्य शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया.

जमत्शोलिंग ग्याल्त्सेन अकादमी का दौरा

यात्रा के दौरान, जनरल द्विवेदी ने सम्त्से के ताशिछोएलिंग में जमत्शोलिंग ग्याल्त्सेन अकादमी का दौरा किया. उन्हें भूटान के ग्याल्सुंग राष्ट्रीय सेवा कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने प्रशिक्षकों से बातचीत की और अकादमी के प्रशिक्षण ढांचे, बुनियादी ढांचे और अन्य महत्वपूर्ण कार्यात्मक पहलुओं पर विस्तृत ब्रीफिंग प्राप्त की.

भारत-भूटान मैत्री का प्रतीक

यह यात्रा भारत और भूटान के बीच अटूट दोस्ती को रेखांकित करती है और एक निकट और विश्वसनीय पड़ोसी के प्रति भारत के अटल समर्थन को पुनः पुष्ट करती है. जनरल द्विवेदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच रक्षा और रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.