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India Daily

Indian Economy: उम्मीद से नीचे लुढ़की भारतीय इकॉनामी, 2024-25 में 6.4 फीसदी GDP ग्रोथ रेट रहने का अनुमान

भारत के आर्थिक भविष्य को लेकर इन आंकड़ों से मिश्रित संकेत मिल रहे हैं। जबकि 2023-24 में जीडीपी वृद्धि ने सकारात्मक रुझान दिखाया था, आगामी वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत की दर से वृद्धि थोड़ी धीमी हो सकती है. इस पर विभिन्न विशेषज्ञों की नजरें होंगी कि आने वाले महीनों में आर्थिक स्थिति कैसी रहती है.

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Edited By: Mayank Tiwari
भारतीय इकोनॉमी में सुस्ती के संकेत
Courtesy: Social Media

भारत का सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 6.4 फ़ीसदी रहने का अनुमान है. पिछले फाइनेंशियल ईयर में जीडीपी की ग्रोथ 8.2 फ़ीसदी थी. दरअसल, मंगलवार, 7 जनवरी, 2025 को जारी सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 में घटकर 6.4% रहने का अनुमान है, जबकि 2023-24 में यह 8.2% रहेगी. यह महामारी के बाद से सबसे धीमी वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर है, जब वर्ष 2020-21 के दौरान यह -5.8% तक गिर गई थी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय यानी एनएसओ ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया है. एनएसओ के मुताबिक, वास्तविक जीडीपी के इस साल 6.4 फ़ीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी की वृद्धि दर 8.2 फ़ीसदी बताई गई थी, हालांकि ये आंकड़ा भी प्रॉविजनल ही है.

184.88 लाख करोड़ तक GDP पहुंचने का अनुमान

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल के दौरान जीडीपी के अनंतिम अनुमान ₹ 173.82 लाख करोड़ की तुलना में इस साल वास्तविक जीडीपी ₹ 184.88 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.वास्तविक सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) की अनुमानित वृद्धि दर भी 2023-24 में 7.2% की तुलना में 2024-25 में घटकर 6.4% हो गई है. जीडीपी की तरह जीवीए भी 2020-21 के बाद सबसे निचले स्तर पर था, जब यह -4.1% तक गिर गया था. वास्तविक जीवीए 168.91 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है , जबकि पिछले वर्ष यह 158.74 लाख करोड़ रुपये था.

जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसदी रहने का अनुमान

आर्थिक ग्रोथ के ये आंकड़े कुछ चिंता में डालने वाले हैं, क्योंकि भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ 6.6 फ़ीसदी रहने का अनुमान जताया था. ज़ाहिर है एनएसओ का आंकड़ा इससे कम है. साल 2022-23 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रही थी.

कई क्षेत्रों में कैसा रहा प्रदर्शन!

कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र का वास्तविक जीवीए 2024-25 के दौरान 3.8% बढ़ने का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले साल यह मात्र 1.4% था. जबकि, खनन और उत्खनन की अनुमानित वृद्धि दर पहले के 6.3% से घटकर मात्र 2.6% रह गई. इस बीच, विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर भी पहले के 8% से घटकर 6.6% हो गयी. इसके अलावा तीसरा क्षेत्र वह है जिसके सभी प्रभागों में वृद्धि देखी गई. जिसमें कारोबार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण सेवाओं में 8% की वृद्धि होने का अनुमान है, जबकि पहले यह 5.2% थी. वहीं, वित्तीय, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाओं में 10.3% की वृद्धि हुई, जबकि पहले यह 9.9% थी.