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भारत-पाक समझौते का CM उमर अब्दुल्ला ने किया स्वागत, केंद्र सरकार से LoC में प्रभावित लोगों से की ये डिमांड

जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम का स्वागत किया और इस बात पर दुख जताया कि जानमाल की हानि को रोकने के लिए यह समय से पहले नहीं किया गया. उन्होंने जम्मू-कश्मीर सरकार से क्षति का शीघ्र आकलन करने, प्रभावित नागरिकों को राहत प्रदान करने और घायलों के लिए उचित इलाज सुनिश्चित करने का आग्रह किया.

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Edited By: Mayank Tiwari
Chief Minister of Jammu and Kashmir Omar Abdullah
Courtesy: Social Media

 भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम समझौते ने जम्मू-कश्मीर में शांति की नई किरण जगाई है. इस बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस समझौते का स्वागत किया, लेकिन अफसोस जताया कि यदि यह पहले हो जाता, तो कई मासूम जिंदगियां बचाई जा सकती थीं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मैं युद्धविराम का स्वागत करता हूं. यदि यह 2-3 दिन पहले हो जाता, तो हम जिन जिंदगियों को खो चुके हैं, वे नहीं जातीं." उन्होंने जम्मू-कश्मीर सरकार से हाल की हिंसा से हुए नुकसान का तुरंत आकलन करने और राहत कार्य शुरू करने की अपील की.

युद्धविराम का स्वागत

सीएम अब्दुल्ला ने आगे कहा, "पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ से संपर्क किया और युद्धविराम लागू हुआ. अब जम्मू-कश्मीर सरकार की जिम्मेदारी है कि वह नुकसान का आकलन करे और राहत प्रदान करे. घायल नागरिकों को मौजूदा सरकारी योजनाओं के तहत उचित चिकित्सा देखभाल और सहायता मिलनी चाहिए."

नुकसान का आकलन और हवाई अड्डे की बहाली

हिंसा के दौरान आगजनी से हुए व्यापक नुकसान पर प्रकाश डालते हुए, अब्दुल्ला ने नुकसान के आकलन को अंतिम रूप देने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे तुरंत अंतिम सर्वेक्षण करें और रिपोर्ट भेजें, ताकि प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान की जा सके. साथ ही, हमारा हवाई अड्डा कई दिनों से बंद है. हमें उम्मीद है कि युद्धविराम के बाद इसे फिर से खोला जाएगा."

ऑपरेशन सिंदूर और युद्धविराम की पृष्ठभूमि

यह युद्धविराम "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद आया है, जो पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकी ढांचे को निशाना बनाने वाला भारत का एक बड़ा सैन्य अभियान था. इस अभियान में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. पाकिस्तान ने जवाबी सैन्य कार्रवाई की, जिससे दोनों पक्षों में नागरिकों सहित हताहत हुए.

डीजीएमओ के बीच समझौता

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस ब्रीफिंग में पुष्टि की कि दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) के बीच बातचीत के बाद युद्धविराम समझौता हुआ. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय डीजीएमओ को आज दोपहर 15:35 बजे कॉल किया. यह सहमति हुई कि 17:00 बजे भारतीय मानक समय से जमीन, हवा और समुद्र में सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयां बंद होंगी. वे 12 मई को दोपहर 12:00 बजे फिर से बात करेंगे."

अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता और भविष्य की राह

व्हाइट हाउस ने पहले बयान में कहा था कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तनाव कम करने के प्रयासों में शामिल थे. प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, "मंत्री रुबियो दोनों पक्षों के नेताओं के साथ लगातार संपर्क में हैं. राष्ट्रपति ट्रंप क्षेत्र में शांति को महत्व देते हैं और दोनों देशों के नेतृत्व के साथ उनके मजबूत संबंध हैं." विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान द्वारा अपनी जमीन से संचालित आतंकी नेटवर्क के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई शांति की कुंजी होगी.

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