India Pakistan Border: जम्मू-कश्मीर की नियंत्रण रेखा (LoC) पर एक बार फिर तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. इस हफ्ते की शुरुआत में पाकिस्तानी सैनिकों ने नौगाम सेक्टर में छोटे हथियारों से फायरिंग की, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने भी सख्त रुख अपनाते हुए करीब बीस राउंड फायर किए. हालांकि, किसी हताहत की सूचना नहीं मिली है और इस घटना को औपचारिक रूप से सीजफायर उल्लंघन के रूप में नहीं माना जा रहा है. इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में पुंछ जिले के बालाकोट सेक्टर में भी संदिग्ध घुसपैठ को रोकने के दौरान दोनों तरफ से गोलीबारी हुई थी.
सेना के सूत्रों के अनुसार, नियंत्रण रेखा पर लगातार चौकसी बढ़ाई जा रही है और सभी चौकियों को डोमिनेशन मोड में रखा गया है. इसका उद्देश्य किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखना और घुसपैठ को समय रहते रोकना है. 2021 में भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौते को फिर से लागू करने पर सहमति बनी थी, जिससे सीमा पर अपेक्षाकृत शांति बनी रही थी.
हाल के महीनों में घुसपैठ और फायरिंग की घटनाओं ने एक बार फिर तनाव बढ़ा दिया है, जिससे विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी और पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों के कारण ऐसे हालात पैदा हो सकते हैं.
सैन्य सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी चौकियों से कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में चार राउंड फायरिंग की गई. जवाबी कार्रवाई में भारतीय जवानों ने लगभग बीस राउंड फायर किए. सेना की ओर से अभी तक इस घटना पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि इसे औपचारिक सीजफायर उल्लंघन के रूप में दर्ज नहीं किया जाएगा.
नियंत्रण रेखा पर लगातार निगरानी बढ़ाई जा रही है और सभी चौकियों को आधुनिक तकनीक और संसाधनों से लैस किया गया है. इसका उद्देश्य किसी भी नए प्रयास को समय रहते रोकना है. सेना ने पिछले घटनाक्रम से सबक लेते हुए सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है और जवानों को हर परिस्थिति के लिए तैयार रखा गया है.
इस महीने की शुरुआत में पुंछ के बालाकोट सेक्टर में संदिग्ध घुसपैठ को नाकाम किया गया था. उस दौरान भी दोनों तरफ से भारी गोलीबारी हुई थी. यह स्पष्ट करता है कि LoC पर हालात अब भी संवेदनशील बने हुए हैं और किसी भी छोटी सी चूक से तनाव बढ़ सकता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी और पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी के कारण नियंत्रण रेखा पर इस तरह की घटनाओं में वृद्धि हो रही है. 2021 में किए गए सीजफायर समझौते के बावजूद हाल की घटनाओं ने सीमा पर अस्थिरता पैदा कर दी है.