menu-icon
India Daily

भारत, अमेरिका से आयातित वस्तुओं की टैरिफ छूट की नहीं कर रहा समीक्षा, विदेश मंत्रालय ने फर्जी रिपोर्टों को बताया निराधार

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच कुछ भ्रामक खबरें सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही हैं. इन खबरों में दावा किया गया कि भारत अब अमेरिका से आयातित कुछ वस्तुओं पर फिर से शुल्क लगाने की तैयारी कर रहा है, और यहां तक कि कुछ द्विपक्षीय समझौतों को भी सस्पेंड करने की योजना बना रहा है. लेकिन अब भारत सरकार ने इन अफवाहों पर पूरी तरह विराम लगा दिया है.

auth-image
Edited By: Kuldeep Sharma
trump-modi
Courtesy: web

विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि भारत न तो अमेरिका से आयातित वस्तुओं की शुल्क-माफी सूची की समीक्षा कर रहा है और न ही द्विपक्षीय समझौतों को रद्द करने का कोई विचार है. ये सभी दावे पूरी तरह गलत हैं. साथ ही, भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड समझौते को लेकर बातचीत अभी जारी है और अगस्त के अंत तक एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत का दौरा करेगा.

विदेश मंत्रालय (MEA) की फैक्ट-चेक यूनिट ने सोशल मीडिया पर चल रही उन खबरों को पूरी तरह खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि भारत अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ छूट की समीक्षा कर रहा है. यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत पर 25% आयात शुल्क लगा दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक खटास देखने को मिल रही है.

समझौते खत्म करने की बात भी झूठी निकली

एक अन्य रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि भारत अमेरिकी आर्थिक नीतियों से नाराज होकर अपने द्विपक्षीय समझौतों को खत्म करने की योजना बना रहा है. लेकिन MEA ने इसे भी गलत ठहराते हुए कहा है कि भारत ऐसा कोई कदम नहीं उठा रहा. भारत सरकार की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि दोनों देश व्यापारिक मुद्दों पर संवाद के जरिए समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं.

अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल अगस्त में आएगा भारत

सूत्रों के मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच छठे दौर की व्यापार वार्ता अगस्त महीने के अंत में आयोजित होने वाली है. बताया गया है कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल 24 अगस्त को नई दिल्ली पहुंचेगा. फिलहाल बातचीत वर्चुअल माध्यम से चल रही है, लेकिन उम्मीद है कि इस दौरे के दौरान दोनों पक्ष बाकी बचे मुद्दों पर भी सहमति बना लेंगे. अधिकारियों का मानना है कि इस दौर की बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच एक संतुलित और लाभकारी व्यापार समझौता संभव हो सकेगा.