India Daily Live Telangana Exit Poll 2023: तेलंगाना में 30 नवंबर यानी आज मतदान हुआ. तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटें हैं. राज्य में बीआरएस लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की कोशिश में है. 2014 में बने इस राज्य में शुरुआत से ही बीआरएस सत्ता पर काबिज रही है.
तेलंगाना में बीआरएस ने सभी 119 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि भाजपा सीट बंटवारे के समझौते के अनुसार 111 सीटों पर लड़ रही है और बाकी आठ सीटें एक्टर पवन कल्याण की अगुवाई वाली जन सेना के लिए छोड़ी हैं.
तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों पर मतदान की समय सीमा 5 बजे खत्म हो गई. चुनाव आयोग के मुताबिक, शाम 5 बजे तक 63.94% मतदान हो चुका है.
एग्जिट पोल 2023 सीटें119
तेलंगाना
स्रोत बीआरएस कांग्रेस+ बीजेपी+ एआईएमआईएम
एबीपी न्यूज-सी वोटर 38-54 49-65 5-13 5-9
इंडिया टीवी- सीएनएक्स 31-47 63-79 2-4 5-7
जन की बात 40-55 48-64 7-13 4-7
समाचार 24-टुडेज़ चाणक्य 24-42 62-80 2-12 0
रिपब्लिक टीवी- मैट्रिज़ 46-56 58-68 4-9 5-7
टाइम्स नाउ-ईटीजी 37-45 60-70 6-8 5-7
टीवी 9 भारतवर्ष- पोलस्ट्रैट 48-58 49-59 5-10 6-8
Telangana Exit Poll 2023 LIVE UPDATES
-टुडेज चाणक्या के एक्जिट पोल के मुताबिक, तेलंगाना की 119 सीटों में कांग्रेस 71 सीटों पर जीत दर्ज करने जा रही है. बीआरएस के खाते में 33 सीटें जाती नजर आ रही है. बीजेपी को इस बार बढ़त है, भाजपा को तेलंगाना में 7 सीटों पर जीत दर्ज कर रही हैं.
-टाइम्स नाऊ- ईटीजी ने एग्जिट पोल में बीआरएस को 37-45 सीटें, कांग्रेस को 60-70 सीटें, भाजपा को 6-8 सीटें मिलने का अनुमान है. अन्य को 5-7 सीटें दी हैं.
-जन की बात ने अनुमान लगाया है कि राज्य में कांग्रेस बीआरएस को चुनौती देगी. यहां कांग्रेस को 48-64 सीटें मिल सकती हैं. वहीं केसीआर की पार्टी को 40-45 सीटें मिल सकती हैं. भाजपा को 7-13 और अन्य को 4-7 सीटें मिल सकती हैं.
-अब तक 2 एग्जिट पोल में 1 में कांग्रेस और एक में हंग असेंबली का अनुमान जताया गया है.
-इंडिया टीवी-सीएनएक्स एग्जिट पोल के अनुसार, बीआरएस को 70 सीटों के साथ राज्य में बहुमत बरकरार रखने की संभावना है. कांग्रेस को 34 और बीजेपी को 7 सीटें मिलने की संभावना है.
तेलंगाना (सीटें- 119)
2023 में 00.00 प्रतिशत
2018 में 73.37 प्रतिशत
पांच बड़े मुद्दे-
1- कॉमन मुद्दे
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 23 फीसदी जनता ने भ्रष्टाचार, 24 फीसदी ने बेरोजगारी, 21 फीसदी ने विकास, 15 फीसदी ने महंगाई, 3 फीसदी ने हिंदुत्व, 10 फीसदी ने राष्ट्रवाद, 3 फीसदी ने लॉ एंड ऑर्डर को चुनावी मुद्दा बताया.
2- अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग का मुद्दा
9 वर्ष पुराने इस राज्य में बीआरएस की मुस्लिम वोटों पर अच्छी पकड़ है. BRS यानी केसीआर ने इसी साल मुसलमानों और ईसाइयों के लिए रियायतों की घोषणा की थी.
3 जुलाई को, के चन्द्रशेखर राव के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने पिछड़े वर्ग के परिवार के एक सदस्य को 1 लाख रुपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता योजना का विस्तार करने की घोषणा की थी और इस योजना का लाभ मुसलमानों और ईसाइयों के लिए करने की घोषणा की थी.
इसके अलावा, राज्य सरकार शादी मुबारक योजना के तहत, केसीआर सरकार ने पात्र मुस्लिम दुल्हनों को 1,00,116 रुपये दे रही है.
अल्पसंख्य के अलावा राज्य में करीब 52 प्रतिशत आबादी पिछड़े वर्ग की है. इन वर्गों से जुड़े संगठन उचित प्रतिनिधित्व की मांग को लेकर पार्टियों पर दबाव बना रहे हैं. भारत राष्ट्र समिति ने 23 सीटें पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशियों को दिए.
3- एंटी इनकमबैंसी
- तेलंगाना में बीआरएस को करीब 10 साल की सरकार के एंटी इनकम्बेंसी का सामना करना है. बीआरएस भी इसे समझ रही है. शायद यही वजह है कि विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले केसीआर ने 119 में से 115 उम्मीदवारों की घोषणा तक कर दी थी.
4- केसीआर सरकार से युवाओं की नाराजगी
केसीआर सरकार ने 2018 के विधानसभा चुनाव में बेरोजगारों को भत्ता देने का एलान किया गया था, जिसको लागू नहीं करने से युवाओं में गुस्सा देखा गया. इसकी भनक के बाद बीआरएस ने युवाओं को अपने पक्ष में करने के लिए 'विद्यार्थी और युवजन' जैसे कार्यक्रम शुरू किए. केसीआर के बेटे और राज्य के मंत्री केटीआर ने दावा किया कि हमारी सरकार ने दो लाख युवाओं को नौकरियां देने का अपना काम किया है.