Independence Day 2025: 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए इतिहास, बलिदान और राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया. इस दौरान उन्होंने संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की और विशेष रूप से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम लेते हुए उन्हें ‘संविधान के लिए बलिदान देने वाले पहले महापुरुष’ बताया. पीएम मोदी ने कहा कि धारा 370 को हटाकर ‘एक देश, एक संविधान’ का सपना पूरा करना डॉ. मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि थी.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वीर जवानों को भी सलाम किया और पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए आतंकवाद के खिलाफ देश के संकल्प को दोहराया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद और उसे बढ़ावा देने वाले मानवता के समान दुश्मन हैं और भारत अब उन्हें अलग-अलग मानने की भूल नहीं करेगा. इस मौके पर पीएम मोदी ने देश के अलग-अलग हिस्सों से आए प्रतिनिधियों, ‘लखपति दीदी’ और खेल जगत के लोगों को ‘लघु भारत’ का प्रतीक बताया और स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को विशेष रूप से याद किया. उन्होंने कहा कि मुखर्जी भारत के संविधान के लिए बलिदान देने वाले पहले महापुरुष थे. उनका संघर्ष जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह भारत में शामिल करने और ‘एक देश, एक संविधान’ की स्थापना के लिए था.
पीएम मोदी ने कहा कि जब उनकी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को समाप्त किया, तो यह डॉ. मुखर्जी के बलिदान का सम्मान था. उनका सपना था कि पूरे भारत में एक ही संविधान लागू हो और यह अब साकार हो चुका है.
प्रधानमंत्री ने लाल किले के समारोह में उपस्थित विशेष अतिथियों का जिक्र किया. इनमें गांवों के प्रतिनिधि, ‘लखपति दीदी’, ‘लोन दीदी’ जैसी योजनाओं से जुड़ी महिलाएं और खेल जगत के कई लोग शामिल थे. पीएम मोदी ने इसे ‘लघु भारत’ का दर्शन बताया.
अपने भाषण में पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शामिल जवानों को सलाम किया. उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद देश के गुस्से की अभिव्यक्ति है. प्रधानमंत्री ने बताया कि पहलगाम हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों की हत्या की. पति को पत्नी के सामने और पिता को बच्चों के सामने मार दिया गया. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया.
पीएम मोदी ने साफ कहा कि भारत अब आतंकवाद और उसे बढ़ावा देने वालों को अलग नहीं मानेगा. वे सभी मानवता के दुश्मन हैं और इनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई जारी रहेगी.
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान में हो रही तबाही और वहां के हालात पर भी परोक्ष रूप से टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने संविधान की शक्ति और राष्ट्रीय एकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य तभी मजबूत होगा जब हम अपने मूल्यों और एकता को बनाए रखेंगे.
अंत में प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं और देश को प्रगति, सुरक्षा और एकता के पथ पर आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया.