menu-icon
India Daily

'पुराने मेडिकल सर्टिफिकेट में नहीं थीं दिव्यांग...', IAS पूजा खेडकर के कॉलेज के डायरेक्टर ने ही खोल दी पोल

फर्जी ओबीसी सर्टिफिकेट दिखाकर नौकरी पाने के आरोपों में घिरीं पुणे की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को लेकर एक नया खुलासा हुआ है. उनके एमबीबीएस कॉलेज के डायरेक्टर ने दावा किया है पूजा ने जो मेडिकल सर्टिफिकेट जमा किया था उसमें किसी भी विकलांगता का जिक्र नहीं था.

auth-image
Edited By: India Daily Live
IAS Puja Khedkar
Courtesy: social media

Pune News: पुणे की ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर एक के बाद एक मुश्किलों में फंसती चली जा रही है. पावर का गलत इस्तेमाल, नियमों का उल्लंघन कर नियुक्ति पाने के तमाम आरोपों के बीच एक नई रिपोर्ट्स कहती हैं कि उन्होंने ओबीसी नॉन-क्रीमी लेकर कोटा का इस्तेमाल कर MBBS में दाखिला पाया था.

ओबीसी नोमाडिक ट्राइब-3 कैटेगिरी के तहत लिया MBBS में दाखिला

रिपोर्ट्स की मानें तो खेडकर ने पुणे की काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज में MBBS में ओबीसी नोमाडिक ट्राइब-3 कैटेगिरी के तहत दाखिला लिया था, यह कैटेगिरी वंजारी समुदाय के लिए आरक्षित है.

CET के अंक के बिना ही मिल गया MBBS में दाखिला

खबरों के मुताबिक, जब पूजा को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर कैटेगिरी के तहत दाखिला मिला उस समय उनके पिता महाराष्ट्र प्रशासनिक सेवा में अधिकारी थे. रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि पूजा ने एक प्राइवेट कॉलेज एंट्रेंस एग्जाम पास कर MBBS में दाखिला लिया और उनके द्वारा कॉमन प्रवेश परीक्षा (CET) में प्राप्त किए गए अंकों को गिना ही नहीं गया.

क्या बोले कॉलेज के निदेशक

हालांकि, काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के निदेशक अरविंद भोरे का कहना है कि खेडकर ने 2007 में CET के माध्यम से ही दाखिला लिया था, लेकिन भोरे ने यह भी दावा किया कि खेडकर ने अपना जो मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट दिया था उसमें किसी भी विकलांगता का उल्लेख नहीं था, यहीं सारा पेच फंसता है. पूजा पर आरोप लग रहा है कि उन्होंने दिव्यांगता का सर्टिविकेट दिखाकर IAS की नौकरी पाई है.

भोरे ने एएनआई से बातचीत में कहा, 'पूजा ने अपना जाति प्रमाणपत्र, जाति वैधता और नॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट जमा किया था... उन्होंने जो मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट जमा किया था उसमें कहीं भी विकलांगता का जिक्र नहीं था.' अब खेडकर का नॉन क्रीम ओबीसी वर्ग और, दिव्यांगता सर्टिफिकेट  (PwBD) जांच के घेरे में है.

पूजा ने किया था PwBD  प्रमाणपत्र के लिए आवेदन

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, पूजा ने अगस्त 2022 में पुणे में  PwBD  प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था लेकिन डॉक्टरों ने इसे बनाने से यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि यह संभव नहीं है. उन्हें एक लेटर के जरिए यह बताया गया था 11.10.2022 को एक मेडिकल बोर्ड ने उनकी जांच की है. इसलिए आपका विकलांगता सर्टिफिकेट बनाना संभव नहीं है.

पिता बोले बेटी का विकलांगता सर्टिफिकेट वैध

हालांकि उनके पिता और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी दिलीप खेडकर का कहना है कि उनकी बेटी का विकलांगता सर्टिफिकेट वैध है. बता दें कि दिलीप खेडकर लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं. चुनाव प्रमाणपत्र में उन्होंने अपनी संपत्ति 40 करोड़ बताई थी.

उनके पिता ने कहा कि पैनल के मेडिकल एक्सपर्ट्स ने प्रमाणपत्र जारी करने से पहले उनकी विकलांगता का सत्यापन किया था. उन्होंने कहा, 'विकलांगताएं कई प्रकार की होती हैं और पूजा को दृषि दोष है जो कि 40 प्रतिशत से ज्यादा है, इसलिए वह 40% के विकलांगता के मानदंड को पूरा करती हैं.'

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बेटी को एक किस्म की मानसिक बीमारी भी है. मेडिकल एक्सपर्ट्स ने इस बात का भी सत्यापन किया था.