menu-icon
India Daily

Ahmedabad Plane Crash: 'जब मैं उठा, तो मेरे चारों ओर लाशें पड़ी थीं...,' जानें एकमात्र जीवित यात्री अहमदाबाद दुर्घटना में कैसे बच गया?

45 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक रमेश गुरुवार को एयर इंडिया की उड़ान के दुर्घटनाग्रस्त होने के समय आपातकालीन निकास द्वार के पास 11ए नंबर पर बैठे थे. विश्वास ने कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं कैसे बच गया. मैंने अपनी आंखों के सामने लोगों को मरते देखा.

auth-image
Edited By: Mayank Tiwari
Vishwash Kumar Ramesh
Courtesy: Social Media

गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई, लेकिन 45 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश चमत्कारिक रूप से जीवित बच गए. इस त्रासदी में वह एकमात्र व्यक्ति थे, जो मलबे से जिंदा बाहर निकले. विश्वास ने अपनी आपबीती साझा करते हुए कहा कि वह अभी भी इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहे कि वे कैसे बच गए.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार (12 जून) को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद एयर इंडिया का विमान एक मेडिकल कॉलेज परिसर से टकरा गया. विमान में सवार 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई, सात पुर्तगाली नागरिक और 12 चालक दल के सदस्य थे. विश्वास, जो सीट 11A पर आपातकालीन निकास के पास बैठे थे.

हादसे का भयावह मंजर

वहीं, एकमात्र जीवित बचे शख्स  विश्वास कुमार रमेश ने डीडी न्यूज से बातचीत में बताया, “मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा कि मैं जिंदा निकल आया. एक पल के लिए मुझे लगा कि मैं भी मर जाऊंगा. लेकिन जब मैंने आंखें खोलीं और चारों ओर देखा, तो मुझे एहसास हुआ कि मैं जीवित हूं. मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं कैसे बच गया.”

ऐसे बची जान

विश्वास ने बताया कि उड़ान भरने के तुरंत बाद विमान के अंदर की लाइटें टिमटिमाने लगीं और फिर वह एक इमारत से टकरा गया. उनकी सीट वाला हिस्सा जमीन पर ही रहा और बाकी विमान की तरह इमारत की छत पर नहीं गिरा. उन्होंने कहा, “पहले तो मुझे लगा कि मैं मर चुका हूं. बाद में मुझे एहसास हुआ कि मैं जिंदा हूं और मैंने फ्यूजलाज में एक खुला हिस्सा देखा. मैंने अपनी सीट की बेल्ट खोली, अपने पैर से उस खुली जगह को धक्का दिया और रेंगकर बाहर निकल आया.”

मौत को सामने देखा

विश्वास ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, “जब मैं उठा, तो मेरे चारों ओर शव बिखरे थे. मैं डर गया था. मैं उठा और भागा. विमान के टुकड़े मेरे आसपास बिखरे थे. किसी ने मुझे पकड़ा और एम्बुलेंस में डालकर अस्पताल ले गया.” विश्वास अपने परिवार से मिलने भारत आए थे और अपने भाई के साथ यूके लौट रहे थे.

अविश्वसनीय जीवटता

विश्वास ने कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं कैसे बच गया. मैंने अपनी आंखों के सामने लोगों को मरते देखा. एयर होस्टेस, मेरे पास बैठे दो लोग... मैं मलबे से बाहर निकल आया.” उनकी कहानी साहस और जीवटता का प्रतीक है.