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Himachal Cloudburst: हिमाचल में जाते-जाते मॉनसून का कहर, मंडी में फटा बादल, बह गई गाड़ियां, जानें कैसे हैं अभी वहां के हालात

हिमाचल प्रदेश में जाते मॉनसून ने भारी तबाही मचाई है. मंडी के धरमपुर में बादल फटने से बस स्टैंड डूब गया और कई वाहन बह गए. शिमला सहित कई इलाकों में भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. मॉनसून शुरू होने के बाद से अब तक 4500 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.

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Km Jaya

Himachal Cloudburst: हिमाचल प्रदेश में जाते-जाते मॉनसून ने बड़ा कहर बरपाया है. बीती रात यानी 15 सितंबर को मंडी जिले के धरमपुर में बादल फटने से पूरा बस स्टैंड जलमग्न हो गया. तेज बारिश के कारण कई वाहन बह गए और लोगों को अपनी जान बचाने के लिए छतों पर शरण लेनी पड़ी. इस घटना में एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है. पुलिस और प्रशासन ने रातभर रेस्क्यू अभियान चलाया.

धरमपुर में जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे बस स्टैंड समेत आसपास की दुकानों और घरों में पानी घुस गया. हालात इतने खराब थे कि अफरातफरी मच गई. वहीं राजधानी शिमला और आसपास के इलाकों में लगातार बारिश से भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिससे यातायात और आम जनजीवन पर गहरा असर पड़ा. मंडी जिले के निहरी इलाके में पास की एक चट्टान का मलबा एक घर पर गिर गया, जिससे वह ढह गया. इस भूस्खलन के बाद तीन लोगों की मौत हो गई और दो अन्य को बचाव दल ने मौके पर पहुंच बचा लिया. यह अभियान अभी भी जारी है.

कई हिस्सों में भारी बारिश 

मौसम विभाग ने जानकारी दी कि पिछले 24 घंटों में प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई. जोगिंदरनगर में 56 मिमी, पालमपुर में 48 मिमी, पंडोह में 40 मिमी और कांगड़ा में 34.2 मिमी बारिश दर्ज की गई. इसके अलावा नगरोटा सूरियां, मंडी, सराहन, मुरारी देवी और करसोग सहित कई क्षेत्रों में भी तेज बारिश हुई.

तीन राष्ट्रीय राजमार्ग बंद

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र यानी एसईओसी के अनुसार, भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 493 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गईं. इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग-3 का अटारी-लेह खंड, एनएच-305 का औट-सैंज खंड और एनएच-503ए का अमृतसर-भोटा खंड प्रमुख हैं. इसके अलावा 352 बिजली ट्रांसफार्मर और 163 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं.

बारिश और हादसों से हुए नुकसान

अधिकारियों ने बताया कि 20 जून को मॉनसून की शुरुआत से अब तक बारिश और हादसों के कारण 409 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 41 लोग अभी भी लापता हैं. इनमें से 180 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं. राज्य को अब तक 4,504 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

इसबार ज्यादा बारिश दर्ज 

मौसम विभाग का कहना है कि इस साल 1 जून से 15 सितंबर तक 991.1 मिमी औसत बारिश हुई, जबकि सामान्य बारिश 689.6 मिमी होती है यानी इस बार 44 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. मौसम विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश से 20 से 25 सितंबर के बीच मॉनसून की विदाई हो सकती है.