New Year 2024: हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों पर बर्फबारी का आनंद लेने के लिए सर्दियों में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. अटल सुरंग भी पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थान बन गया है. हालांकि, पर्यटकों द्वारा छोड़ा गया कचरा चिंता का विषय बन गया है.
भारतीय वन सेवा के अधिकारी प्रवीण कासवान ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की है जिसमें अटल सुरंग के पास के एक गांव में भारी मात्रा में कचरा पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है. उन्होंने लिखा है कि "हम पहाड़ों में क्या छोड़ रहे हैं?" उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपना कचरा वापस ले जाएं.
कासवान ने तस्वीर के साथ लिखा, "हम पहाड़ों में क्या छोड़ रहे हैं! यह सिस्सू गांव है। अब हर रोज हजारों वाहन अटल सुरंग में प्रवेश कर रहे हैं। क्या लोगों को अपना कचरा वापस नहीं लेना चाहिए?"
कासवान ने अपनी पोस्ट में हीलिंग हिमालय के संस्थापक प्रदीप सांगवान को भी टैग किया। सांगवान का संगठन हिमालय से पर्यटकों द्वारा पैदा होने वाले कचरे को साफ करने के लिए काम करता है.
What we are leaving behind in hills !!
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) December 31, 2023
This is village Sissu - once you cross Atal tunnel the first two villages are Sissu & Khoksar.
Now thousands of vehicles are entering Atal tunnel everyday.
Aren’t people supposed to take their trashes back!! @healinghimalaya pic.twitter.com/W53Zpsm4LC
आईएफएस अधिकारी कासवान ने कहा कि खोकसर गांव में ठोस कचरे के प्रबंधन के लिए एक सुविधा का निर्माण किया जा रहा है. यह सुविधा अप्रैल 2024 से चालू होने की संभावना है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि सितंबर 2024 तक यह सुविधा सुव्यवस्थित तरीके से संचालित हो जाएगी.
हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों पर पर्यटकों द्वारा छोड़ा गया कचरा पर्यावरण के लिए हानिकारक है. यह पर्यटन के लिए भी एक नकारात्मक संदेश देता है. पर्यटकों को चाहिए कि वे अपना कचरा वापस ले जाएं और पर्यावरण की रक्षा में योगदान दें.