नई दिल्ली: सर्दियों के मौसम में घने कोहरे ने एक बार फिर हवाई यातायात को पटरी से उतार दिया है. देश के कई प्रमुख हवाई अड्डों पर उड़ानें देर से चल रही हैं या रद्द करनी पड़ रही हैं.
लगातार बढ़ती शिकायतों और यात्रियों की परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार हरकत में आई है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइंस के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
घने कोहरे और कम दृश्यता के कारण हाल के दिनों में देशभर में उड़ान संचालन बाधित रहा है. नई दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जो देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है, सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. यहां सैकड़ों उड़ानें देरी से चलीं और कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिससे यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ा.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी कर एयरलाइंस को यात्री सुविधा नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करने को कहा है. मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि यात्रियों को उड़ानों की स्थिति की समय पर और सटीक जानकारी दी जाए, ताकि उन्हें अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े.
निर्देशों में कहा गया है कि लंबी देरी की स्थिति में यात्रियों को भोजन और जलपान उपलब्ध कराया जाए. यदि उड़ान रद्द होती है, तो यात्रियों को पुनः बुकिंग या धनवापसी का विकल्प दिया जाए. मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि समय पर चेक-इन करने वाले यात्रियों को बोर्डिंग से वंचित नहीं किया जाना चाहिए.
In view of prevailing fog and low-visibility conditions impacting flight operations, airlines have been directed to strictly comply with passenger facilitation norms, in the interest of passenger safety and convenience. This includes:
— MoCA_GoI (@MoCA_GoI) December 19, 2025
• Timely and accurate flight information
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अगर मौसम के कारण उड़ान का मार्ग बदला जाता है, तो एयरलाइंस को वैकल्पिक हवाई अड्डे पर यात्रियों के लिए आवश्यक इंतजाम करने होंगे. इसमें भोजन, आगे की यात्रा की व्यवस्था और कनेक्टिंग फ्लाइट की जानकारी शामिल है. बिना अभिभावक यात्रा कर रहे नाबालिगों और दिव्यांग यात्रियों की सहायता पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया है.
उत्तर भारत में सर्दियों के दौरान घना कोहरा हर साल हवाई, रेल और सड़क परिवहन के लिए बड़ी चुनौती बनता है. बारिश की कमी और ठंडी हवाओं के कारण दृश्यता घट जाती है, जिससे परिचालन प्रभावित होता है. मंत्रालय ने साफ किया है कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी.