Himachal Flash Floods: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने एक बार फिर जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. शुक्रवार शाम से शुरू हुई बारिश ने शनिवार तक विकराल रूप ले लिया, जिससे राज्यभर में 400 से अधिक सड़कों को बंद करना पड़ा. सबसे अधिक प्रभावित जिलों में मंडी, चंबा, ऊना और हमीरपुर शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंडी जिले में 174 सड़कें बंद हैं, जहां से कुल्लू-मनाली जैसे प्रमुख मार्ग गुजरते हैं. चंबा जिले में 100 से अधिक सड़कें बंद हैं. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, अब तक कई क्षेत्रों का संपर्क कट चुका है.
सबसे चौंकाने वाला दृश्य मलाणा-2 हाइड्रो प्रोजेक्ट से सामने आया, जहां फ्लैश फ्लड की वजह से कॉफर डैम आंशिक रूप से टूट गया. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक डंपर, रॉक ब्रेकर और कार को बाढ़ के पानी में बहते देखा गया. यह दृश्य देखकर स्थानीय लोगों में दहशत फैला गया.
हमीरपुर के सुजानपुर टीरा क्षेत्र में बीस नदी पर बना एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. पुल में दरारें आ गई हैं, जिससे आवाजाही पर खतरा मंडरा रहा है. इसी बीच, चंडीगढ़-धर्मशाला नेशनल हाईवे पर भी जलभराव की स्थिति बनी रही.
हिमाचल के मैदानी क्षेत्र ऊना में 260.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो राज्य में अब तक की सबसे अधिक वर्षा रही. बाजारों और सड़कों पर पानी भर गया, जिससे प्रशासन ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को अगले आदेश तक बंद करने का निर्णय लिया है.
मौसम विभाग के अनुसार, 20 जून से 2 अगस्त तक प्रदेश में मानसून से जुड़ी घटनाओं में अब तक ₹1,692 करोड़ का नुकसान हो चुका है. अब तक 101 मौतें, 36 लोग लापता, 1,600 मकान पूर्ण या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त, 51 फ्लैश फ्लड, 28 क्लाउडबर्स्ट और 45 बड़े भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं.
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है और हालात पर लगातार नजर रख रही है. जिला प्रशासन को तत्काल राहत और पुनर्वास कार्यों के निर्देश दिए गए हैं. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने शनिवार को मंडी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया.