Sanatan Dharma Controversy: महाराष्ट्र में एक बार फिर सनातन धर्म को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी सानी शरद पवार गुट के वरिष्ठ नेता और विधायक जितेंद्र आह्वाड ने एक बार फिर विवादित बयान देते हुए कहा कि सनातन धर्म ने भारत को बर्बाद कर दिया है. उन्होंने इसे एक ऐसा विचार बताया जिसे खत्म करना जरूरी है.
शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में आह्वाड ने कहा कि सनातन धर्म नाम का कोई धर्म कभी था ही नहीं. हम हिंदू धर्म को मानते हैं, लेकिन सनातन धर्म एक विकृत विचारधारा है जो पिछड़ी और रूढ़िवादी सोच को बढ़ावा देती है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक नहीं होने का कारण भी सनातन धर्म की संकीर्ण सोच थी. उनके अनुसार, सनातनियों ने छत्रपति संभाजी महाराज को बदनाम किया, और सावित्रीबाई फुले पर गोबर फेंकवाया.
आह्वाड ने कहा कि सनातन धर्म के मानने वालों ने ज्योतिबा फुले की हत्या की कोशिश की और शाहू महाराज को खत्म करने की साजिश रची. साथ ही उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें ना तो पानी पीने दिया गया और ना ही स्कूल जाने की इजाजत दी गई. इसी अन्याय के खिलाफ अंबेडकर ने मनुस्मृति जलाई थी.
आह्वाड का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देशभर में सनातन धर्म को लेकर बहस तेज है. यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस विषय पर खुलकर हमला बोला हो. इससे पहले भी उन्होंने सनातन धर्म को जातिवादी और अमानवीय परंपराओं का प्रतीक बताया था. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आह्वाड के इस बयान का प्रभाव महाराष्ट्र की आगामी राजनीतिक समीकरणों पर पड़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां ओबीसी, दलित और सामाजिक सुधार आंदोलन से जुड़े लोग प्रभाव रखते हैं. वहीं, भाजपा और हिंदू संगठनों ने इस बयान की तीखी निंदा करते हुए इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया है.
आह्वाड एनएसयूआई से लेकर महाराष्ट्र विधानसभा तक का सफर तय कर चुके हैं. वह 2009 से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं और कांग्रेस-एनसीपी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. वह वंजारा ओबीसी समुदाय से आते हैं और सामाजिक मुद्दों पर मुखर रहते हैं.