menu-icon
India Daily

वन नेशन वन इलेक्शन पर JPC की पहली बैठक, प्रियंका गांधी, बांसुरी स्वराज, सुप्रिया सुले 39 सदस्यों वाली समिति में शामिल

एक देश एक चुनाव को लेकर आज जॉइंट पार्लियमेंट्री कमेटी की पहली बैठक होगी. इसमें कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी, मनीष तिवारी और सुखदेव भगत सिंह को शामिल किया गया है. 

auth-image
Edited By: Gyanendra Sharma
one nation one election
Courtesy: Social Media

वन नेशन वन इलेक्शन पर समीक्षा के लिए जॉइंट पार्लियमेंट्री कमेटी की बैठक आद होगी. एक देश एक चुनाव के लिए संसद में बिल पेश कर दी गई है. संसद के शीतकालीन सत्र में बिल के पेश होने के बाद 31 सदस्यों (लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सांसद) वाली JPC का गठन किया गया था. इसमें कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी, मनीष तिवारी और सुखदेव भगत सिंह को शामिल किया गया है. 

भाजपा की तरफ से बड़े नामों में बांसुरी स्वराज, संबित पात्रा और अनुराग सिंह ठाकुर हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस (TMC) से कल्याण बनर्जी का नाम है.  सपा, DMK, TDP समेत अन्य पार्टियों से भी सांसदों को इस JPC का सदस्य बनाया गया है. 17 दिसंबर को लोकसभा में कानून मंत्री मेघवाल ने एक वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बिल पेश किया. कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने इसका विरोध किया. 

बिल पेश करने लिए वोटिंग कराई गई, इस वोटिंग में बिल पेश करने के पक्ष में 269 वोट मिले और विपक्ष में 198 वोट पड़े. कानून मंत्री ने इसे बिल को दोबार सदन में रखा.  लोकसभा की 543 सीटों में एनडीए के पास अभी 292 सीटें हैं. दो तिहाई बहुमत के लिए 362 का आंकड़ा जरूरी है. 

क्या है वन नेशन वन इलेक्शन? 

भारत में हर साल किसी न किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं. वन नेशन वन इलेक्शन का से देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव कराए जा सकते हैं. यानी की एक ही दिन सभी राज्यों में के चुनाव और लोकसभा का चुनाव होगा. आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथ ही हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं. इसकी वजह से एक साथ चुनाव होने की सिलसिला टूट गया.