भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं जिसने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आम जनता के बीच चिंता बढ़ा दी है. देश में सक्रिय मामलों की संख्या 4,000 के करीब पहुंच चुकी है और दक्षिण भारतीय राज्य केरल इस बार सबसे अधिक प्रभावित नजर आ रहा है. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय और सरकार की ओर से अभी तक नई लहर की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन कई राज्यों में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी कोविड के मामलों में उछाल देखा जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, केरल में सबसे अधिक 1,435 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जो देश में सबसे ज्यादा हैं. इसके बाद महाराष्ट्र में 506 और दिल्ली में 483 मामले सामने आए हैं.
गुजरात: 338 मामले
इसके अलावा, गोवा (10), झारखंड (11), ओडिशा (12), जम्मू-कश्मीर (9), छत्तीसगढ़ (7), बिहार और असम (5-5), पंजाब (6), सिक्किम (4), अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और तेलंगाना (3-3), मिजोरम (2), और चंडीगढ़ (1) में भी सक्रिय मामले हैं.
क्यों बढ़ रहे हैं मामले?
विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड का मौसम, त्योहारी सीजन के दौरान भीड़-भाड़, और कोविड प्रोटोकॉल में ढील के कारण मामलों में वृद्धि हो रही है. इसके अलावा, नए वेरिएंट्स की मौजूदगी भी एक संभावित कारण हो सकता है, हालांकि इसकी पुष्टि के लिए और शोध की जरूरत है. केरल में ज्यादा मामले सामने आने की वजह वहां की बेहतर टेस्टिंग और ट्रेसिंग व्यवस्था को भी माना जा रहा है.
क्या है सरकार का रुख?
केंद्र और राज्य सरकारों ने अभी तक नई लहर की घोषणा नहीं की है, लेकिन कई राज्यों में सतर्कता बढ़ा दी गई है. मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने की सलाह दी जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने टेस्टिंग और वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के निर्देश दिए हैं. बूस्टर डोज लेने की अपील भी की जा रही है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं या बुजुर्ग हैं.