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India Daily
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धीरज साहू पर कसता जा रहा शिकंजा, घर से 351 करोड़ कैश मिलने के बाद अब इस मामले में जांच शुरू

कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से नोटों के बंडल मिलने का सिलसिला जारी है. घर से भारी मात्रा में कैश मिलने के बाद अब साहू के परिवार की शराब कंपनियों के खिलाफ भी आयकर विभाग छापेमारी कर रहा है.

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Sagar Bhardwaj
 dhiraj sahu

Dhiraj Sahu Case: कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से नोटों के बंडल मिलने का सिलसिला जारी है. घर से भारी मात्रा में कैश मिलने के बाद अब साहू के परिवार की शराब कंपनियों के खिलाफ भी आयकर विभाग छापेमारी कर रहा है. उनके घर से अब तक 351 करोड़ रुपए बरामद किये जा चुके हैं. खबरों के मुताबिक अब जांच एजेंसियां अवैध तरीके से अर्जित की गई इस अकूत संपत्ति के इस्तेमाल को लेकर हवाला ऑपरेटर और शेल कंपनियों की भूमिका की भी जांच कर रही हैं.

CBDT को भेजी गई जांच रिपोर्ट

इनकम टैक्स की एक रीजनल ब्रांच की ओर से साहू पर हुई कार्रवाई की एक अंतरिम रिपोर्ट विभाग के प्रशासनिक निकाय, दिल्ली में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को भेज दी गई है.

तलाशी अभियान भुवनेश्वर मुख्यालय वाली बौध डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड (BDPL) के खिलाफ शुरू हुआ था. कंपनी के कथित तौर पर चोरी और ऑफ द बुक  (जिसका कोई हिसाब कंपनी के फाइनेंशियल रिकॉर्ड में न हो) लेन-देन के आरोप में 6 दिसंबर को आयकर विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू की थी. तलाशी अभियान के छठे दिन अधिकारियों ने लगभग सात स्थानों पर छापेमारी की.

इनकम टैक्स को अभी तक क्या-क्या मिला


आयकर विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पंचनामा पर हस्ताक्षर करने और बयान दर्ज करने के बाद जल्द ही तलाशी बंद किए जाने की उम्मीद है. साहू के ठिकानों से बरामद 351 करोड़ की नकदी को लेकर एजेंसी ने कहा कि देश के अंदर किसी एक अभियान के तहत किसी एजेंसी ने यह सबसे बड़ी नकदी जब्त की है. सूत्रों के मुताबिक साहू के ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल स्थित 30-34 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. आयकर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, उन्होंने करीब तीन किलो सोने के आभूषण भी जब्त किए हैं.

इन पर भी लटकी जांच की तलवार
सूत्रों के मुताबिक, इस भारी नकदी की जब्ती के बाद इन तीन राज्यों में काम करने वाले कई हवाला ऑपरेटर और कुछ मुखौटा या संदिग्ध कंपनियां विभाग की जांच के दायरे में हैं, क्योंकि इस अभियान के दौरान उनकी भूमिका का संकेत देने वाले कुछ दस्तावेज भी एजेंसी के हाथ लगे हैं.