Delhi University Union Election: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) शुक्रवार, 27 सितंबर यानी आज अपना चुनाव कराएगा. दिल्ली हाई कोर्ट ने इस शर्त पर चुनाव कराने की अनुमति दे दी है कि मतगणना और परिणामों की घोषणा परिसर में क्षतिग्रस्त सार्वजनिक संपत्ति को बहाल करने के बाद की जा सकती है.
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान परिसर में हुई तोड़फोड़ पर नाराजगी व्यक्त की और बुधवार को छात्र संघ और चुनाव अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो चुनाव स्थगित कर दिए जाएंगे.
जानकारी के मुताबिक, दिन की कक्षाओं के लिए मतदान सुबह 8.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक होगा जबकि शाम की पाली के लिए मतदान दोपहर 3 बजे से शाम 7.30 बजे तक होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने कल डीयू को DUSU चुनाव जारी रखने की अनुमति दे दी, लेकिन एक महत्वपूर्ण शर्त लगाई, जिसके तहत विश्वविद्यालय को तब तक मतगणना करने से रोक दिया गया जब तक वह अदालत को संतुष्ट नहीं कर देता कि सभी पोस्टर, होर्डिंग, भित्तिचित्र और अन्य अभियान-संबंधी सामग्री हटा दी गई है और सार्वजनिक संपत्ति को बहाल कर दिया गया है. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अगले आदेश जारी होने तक ईवीएम और मतपेटियों को सुरक्षित रूप से संग्रहीत किया जाना चाहिए.
#WATCH | Delhi University Students' Union (DUSU) election taking place today. Visuals from outside Miranda House. For day classes, voting will be held from 8.30 am to 1 pm while for the evening shift, it will be held from 3 pm to 7.30 pm.
— ANI (@ANI) September 27, 2024
Delhi HC y'day allowed DU to continue… pic.twitter.com/wTXEsGnlXa
गुरुवार को जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने चुनाव जारी रखने की अनुमति दे दी, लेकिन उम्मीदवारों की ओर से चुनाव प्रचार पर भारी मात्रा में धन खर्च करने के कारण नियमों और पारदर्शिता की कमी पर गंभीर चिंता व्यक्त की.
मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को निर्धारित की गई है। इससे पहले, 2019 में अदालत ने वकील प्रशांत मनचंदा की जनहित याचिका का निपटारा किया था, जिसमें डूसू उम्मीदवारों द्वारा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी.
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, डूसू चुनाव उस समय विवाद में आ गया जब कांग्रेस से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के अध्यक्ष वरुण चौधरी ने दावा किया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े लोगों को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है.
चुनावों की निष्पक्षता और विश्वविद्यालय की ओऱ से पर्यवेक्षण की कमी पर उठ रहे सवालों के बीच, सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की छात्र शाखा छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) ने चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, CYSS के पार्टी सचिव कमल तिवारी ने कहा कि पिछले साल पंजाब विश्वविद्यालय चुनावों में असफलता का सामना करने के बाद उन्होंने चुनाव से बाहर होने का विकल्प चुना है और अब वे विधानसभा क्षेत्रों में आप की युवा केंद्रित नीतियों के बारे में जागरूकता फैलाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
महामारी के कारण तीन साल बाद हुए 2023 के चुनावों में एबीवीपी के तुषार डेढ़ा ने अध्यक्ष पद जीता, जबकि एनएसयूआई के अभि दहिया उपाध्यक्ष बने थे. एबीवीपी की अपराजिता ने सचिव पद और उसी पार्टी के सचिन बासला ने संयुक्त सचिव पद जीता था. एबीवीपी, एनएसयूआई और आइसा-एसएफआई एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, क्योंकि दो चरणों में होने वाले चुनावों में 1,40,000 छात्र मतदान करेंगे.