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India Daily

तुर्की की कंपनी सेलेबी को दिल्ली हाईकोर्ट से फिर लगा झटका, सुरक्षा मंजूरी रद्द करने की याचिका खारिज

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के खिलाफ तुर्की की कंपनी 'सेलेबी ग्राउंड हैंडलिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' की याचिका खारिज की. 

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Edited By: Garima Singh
CELEBI
Courtesy: X

Delhi High Court Judgement: दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को तुर्की की कंपनी 'सेलेबी ग्राउंड हैंडलिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' की एक और याचिका को खारिज कर दिया. कंपनी ने नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के उस निर्णय को चुनौती दी थी, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में उसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द की गई थी. यह फैसला न्यायमूर्ति तेजस करिया ने सुनाया, जिन्होंने याचिका को खारिज करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया.

न्यायमूर्ति तेजस करिया ने याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि यह मामला पहले से दायर अन्य याचिकाओं के समान है. उन्होंने कहा कि एकल न्यायाधीश के निर्णय में इस मुद्दे को पहले ही स्पष्ट रूप से शामिल किया जा चुका है. न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, ‘‘तदनुसार याचिका खारिज की जाती है.’’ इससे पहले, 05 जुलाई को एक समन्वय पीठ ने सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिकाओं को भी खारिज किया था, जिनमें उनकी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के फैसले को चुनौती दी गई थी

प्राकृतिक न्याय बनाम राष्ट्रीय हित

समन्वय पीठ ने अपने फैसले में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत को महत्वपूर्ण बताया, लेकिन यह भी जोड़ा कि "राज्य की सुरक्षा" के मामलों में राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. पीठ ने कहा कि इस मामले में "राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण विचार" शामिल थे, जिसके कारण केंद्र सरकार को सेलेबी और उसकी सहयोगी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा. भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर इन कंपनियों की सुरक्षा मंजूरी रद्द की थी, जिसे न्यायालय ने उचित ठहराया.

सेलेबी पर कार्रवाई का कारण

सेलेबी ग्राउंड हैंडलिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एक तुर्की-आधारित कंपनी, भारत में हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो प्रबंधन सेवाएं प्रदान करती है. हालांकि, राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित चिंताओं के कारण बीसीएएस ने इसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी. सरकार का यह कदम देश की सुरक्षा और संप्रभुता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.