गोवा नाइटक्लब अग्निकांड: दिल्ली कोर्ट ने लूथरा ब्रदर्स की जमानत याचिका की खारिज,थाईलैंड में किए गए हैं गिरफ्तार
दिल्ली की अदालत ने गोवा के नाइटक्लब बर्च बाय रोमियो लेन में हुई भीषण आग मामले में मालिक सौरभ और गौरव लूथरा की ट्रांजिट अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. दोनों थाईलैंड से लौटते समय गिरफ्तार किए गए हैं.
गोवा के नाइटक्लब बर्च बाय रोमियो लेन में लगी भीषण आग में 25 से अधिक लोगों की मौत के बाद सौरभ और गौरव लूथरा सुर्खियों में हैं. दोनों ने थाईलैंड से लौटते समय ट्रांजिट अंतरिम जमानत की याचिका दाखिल की थी, ताकि तत्काल गिरफ्तारी से बच सकें.
दिल्ली की अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी, जिससे उनकी कानूनी लड़ाई और भी पेचीदा हो गई है. अदालत ने न्यायिक तर्क और राज्य के दावे दोनों को ध्यान में रखते हुए फैसला सुनाया.
ट्रांजिट अंतरिम जमानत याचिका का खारिज होना
दिल्ली की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वंदना ने गुरुवार को लूथरा भाइयों की ट्रांजिट अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. याचिका में चार सप्ताह का अंतरिम संरक्षण मांगा गया था. अदालत ने आदेश 5 बजे तक सुरक्षित रखते हुए दोनों पक्षों की दलीलों को सुना. अदालत ने स्पष्ट किया कि कानून से भागने की कोशिश करने वालों को जमानत देना न्यायिक विवेक के अंतर्गत नहीं आता.
वकीलों के क्या तर्क दिए
लूथरा भाइयों के वकील ने अदालत में कहा कि दोनों तुरंत भारत लौटकर जांच में सहयोग करने को तैयार हैं. उन्होंने जोर दिया कि ट्रांजिट जमानत केवल कुछ दिन की सुरक्षा है, न कि अपराध की गंभीरता पर निर्णय. वकील ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया जिसमें विदेश में मौजूद आरोपी को अस्थायी सुरक्षा के साथ लौटने की अनुमति दी गई थी.
गोवा सरकार का पक्ष
गोवा के वकील ने अदालत में कहा कि लूथरा भाई आग के तुरंत बाद गोवा छोड़कर भाग गए और कानूनी प्रक्रिया से बचने का प्रयास कर रहे थे. उन्होंने अदालत से कहा कि ऐसे लोगों को जमानत नहीं दी जानी चाहिए जो समन या वारंट को नजरअंदाज करते हैं. उनका मानना था कि न्यायिक विवेक का उपयोग केवल उन लोगों के लिए किया जाना चाहिए जो कानून का पालन करना चाहते हैं.
गिरफ्तारी और कानूनी प्रक्रिया
सौरभ और गौरव लूथरा को थाईलैंड में गिरफ्तार किया गया. भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अनुरोध पर थाई पुलिस ने कार्रवाई की. उनके न्यूजीलैंड से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. अदालत ने उनके मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया की तारीख सुरक्षित रखी है.
मामले का सामाजिक और कानूनी प्रभाव
बर्च बाय रोमियो लेन में हुई आग ने न केवल गोवा बल्कि पूरे देश में सुरक्षा मानकों और नाइटक्लब संचालन पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अदालत का यह निर्णय यह संदेश देता है कि कानूनी प्रक्रिया से बचने का प्रयास गंभीर परिणाम ला सकता है. अब लूथरा भाइयों को जांच में सहयोग करते हुए न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना होगा.
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