'एयर प्यूरीफायर अमीरों का चोचला', बाबा रामदेव ने बताया दिल्ली की जहरीली हवा से बचने का उपाय

दिल्ली-एनसीआर में गंभीर प्रदूषण के बीच योग गुरु रामदेव ने एयर प्यूरीफायर को अमीरों का शौक बताया और पर्दों व प्राणायाम की सलाह दी, जिस पर बहस तेज हो गई है.

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Kuldeep Sharma

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है. ऐसे समय में योग गुरु रामदेव के एक बयान ने नई बहस छेड़ दी है. 

एक टीवी कार्यक्रम में उन्होंने एयर प्यूरीफायर को 'अमीरों का चोंचला' बताते हुए प्रदूषण से बचाव के लिए योग, प्राणायाम और घरों में पर्दे लगाने की सलाह दी. बयान ऐसे वक्त आया, जब AQI ‘सीवियर’ श्रेणी पार कर गया और सरकार को कड़े प्रतिबंध लगाने पड़े.

प्रदूषण पर रामदेव का बयान

टीवी शो के दौरान रामदेव से पूछा गया कि जब हवा इतनी जहरीली है तो लोग खुले में योग कैसे करें. जवाब में उन्होंने कहा कि विकास के साथ धूल-मिट्टी बढ़ना स्वाभाविक है. दिल्ली की स्थिति को उन्होंने कभी-कभी 'गैस चैंबर' जैसी बताया, लेकिन साथ ही समाधान के तौर पर घरों में रहकर अभ्यास करने की बात कही.

पर्दे और प्राणायाम की सलाह

रामदेव ने कहा कि घरों में मोटे पर्दे लगाकर धूल को रोका जा सकता है. उन्होंने सुझाव दिया कि 15-20 दिन में मास्क पहनकर पर्दों की सफाई की जाए. इसके साथ उन्होंने कपालभाति और गहरी सांसों वाले प्राणायाम को फेफड़ों के लिए उपयोगी बताया और लोगों से घर के भीतर रहकर अभ्यास करने की अपील की.

एयर प्यूरीफायर पर तंज

एयर प्यूरीफायर के सवाल पर रामदेव ने इन्हें 'अमीरों का चोंचला' कहा. उनका कहना था कि यह आम लोगों के लिए व्यावहारिक समाधान नहीं है. इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आईं, जहां कुछ लोगों ने योग को सराहा तो कईयों ने वैज्ञानिक उपायों की अनदेखी पर सवाल उठाए.

दिल्ली-एनसीआर में हालात

उसी दिन दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में AQI तेजी से बिगड़ा. हालात इतने गंभीर हुए कि सरकार को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत स्टेज-3 और फिर स्टेज-4 लागू करने पड़े. रविवार सुबह कई इलाकों में AQI 500 के करीब पहुंच गया, जिससे बच्चों और बुजुर्गों के लिए जोखिम और बढ़ गया.

डॉक्टरों की अलग राय

चिकित्सा विशेषज्ञों ने प्रदूषण को हल्के में न लेने की सलाह दी है. वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक चोपड़ा ने साफ कहा कि स्वच्छ हवा को सामान्य मानकर नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने N95 मास्क, एयर प्यूरीफायर, सीमित वेंटिलेशन और बच्चों-बुजुर्गों को घर के भीतर रखने जैसी सावधानियों पर जोर दिया.

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बीच रामदेव के बयान ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या योग और घरेलू उपाय पर्याप्त हैं, या वैज्ञानिक साधनों को भी समान महत्व देना जरूरी है. बहस जारी है, लेकिन साफ है कि जहरीली हवा से निपटने के लिए जागरूकता और ठोस कदम दोनों जरूरी हैं.