Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश-विदेश के लाखों लोगों को न्योता भेजा जा चुका है. रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश-भर के संतों को भी निमंत्रण दिया गया है और अभी से ही काफी संख्या में भक्त अयोध्या में जुटने भी लगें हैं. लेकिन इसी बीच मध्यप्रदेश के दतिया से एक राम-भक्त संत की खबर सामने आ रही है.
दावा किया जा रहा है कि दतिया के मौनी बाबा ने राम मंदिर के लिए 44 साल पहले ये प्रण लिया था कि जब तक राम मंदिर नहीं बनेगा तब तक वो अन्न ग्रहण नहीं करेंगे. 44 सालों से वो सिर्फ फल खाकर ही जीवन व्यतित कर रहे हैं . इतना ही नहीं, उन्होंने 1984 में रामलला के लिए मौन व्रत धरण करके चप्पल पहनना भी छोड़ दिया था. लेकिन अब जब राम मंदिर बन गया है, और आगामी 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं, तो इस मौके पर निमंत्रण न मिलने से मौनी बाबा खासे निराश हैं.
बुंदेलखंड के दतिया में मौनी बाबा के नाम से मशहूर संत 44 साल से सिर्फ फल खा रहे हैं. उन्हें मौन व्रत धारण किए हुए भी 40 साल हो गए हैं. उन्होंने रामलला को टेंट में देख कर 40 साल पहले ही चप्पल का भी त्याग कर दिया था. लेकिन अब जब राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है तो वो अयोध्या जाकर अपना व्रत खोलना चाहते हैं. हालांकि उन्हें राम मंदिर के कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता नहीं मिला है, जिसके कारण वो दुखी हैं.
मौनी बाबा को राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण न मिलने से न सिर्फ मौनी बाबा बल्कि उन्हें मानने वाले लोग भी निराश हुए हैं. इसी बीच उन्हें 30 साल से जानने वाले एक शिक्षक मुकेश शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भेजा है. इस ज्ञापन में उन्होंने मौनी बाबा को रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए न्योता देने का आग्रह किया है.
शिक्षक का कहना है कि 40 साल एक बहुत लंबा समय होता है और इतने लंबे समय तक अन्न का त्याग करना, नंगे पैर चलना और मौन व्रत धारण करना साधारण बात नहीं है. उन्होंने कहा कि मौनी बाबा का त्याग इस बात का प्रमाण है कि वो भगवान राम के कितने बड़े भक्त हैं और उनकी राम के प्रति कितनी आस्था है.