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किसी का उजड़ा घर, कहीं खत्म हो गया परिवार, रेमल ने अब तक हमसे क्या छीना?

Cyclone Remal Havoc: चक्रवात रेमल ने पश्चिम बंगाल के बाद नॉर्थ ईस्ट में भयानक तबाही मचाई है. नॉर्थ-ईस्ट के चार राज्यों में च्रकवात रेमल की वजह से आए तूफान में कई घर उजड़ गए, 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.

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Cyclone Remal Havoc
Courtesy: Social Media

Cyclone Remal Havoc: चक्रवात रेमल के बाद आए तूफान से नॉर्थ-ईस्ट के चार राज्यों में कई लोग बेघर हो गए, कई लोग अब तक लापता है, जबकि भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई. मिजोरम में भारी बारिश के बाद मंगलवार को कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिनमें 27 शव बरामद किए गए.

अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि चक्रवात रेमल के कारण चार पूर्वोत्तर राज्यों (मिजोरम, असम, मेघालय और नागालैंड) में भूस्खलन, तूफान और दुर्घटनाओं में कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि असम में तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण एक कॉलेज छात्र समेत तीन लोगों की मौत हो गई.

मिजोरम में 27 मृतकों में दो नाबालिग थे और उनमें से अधिकतर दूसरे राज्यों के मजदूर थे. अधिकारियों ने बताया कि करीब आठ लोग अभी भी लापता हैं और और शव मिलने की संभावना है. मंगलवार को सुबह करीब 6 बजे आइजोल के मेल्थुम इलाके में भारी बारिश के कारण एक पत्थर की खदान ढह गई. अधिकारियों के अनुसार, एक बच्चे सहित कुछ लोगों को बचा लिया गया। अधिकारियों के अनुसार, मिजोरम की सीमा पर आईटीआई और सलेम इलाकों में हुए बड़े भूस्खलन के बाद कई लोगों के फंसे होने की आशंका है.

मिजोरम के डीजीपी बोले- राहत बचाव कार्य जारी

मिजोरम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनिल शुक्ला ने कहा कि तत्काल व्यापक बचाव अभियान शुरू किया गया और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), असम राइफल्स और स्थानीय पुलिस जैसे बलों को तैनात किया गया है. मिजोरम के आपदा प्रबंधन अधिकारियों के अनुसार, चक्रवात रेमल के प्रभाव से 27 मई को भारी बारिश शुरू हुई और 28 मई को यह तेज हो गई, जिससे राज्य भर में कई इलाकों में भूस्खलन हुआ है. मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि हम स्थिति को संभालने के लिए उचित कदम उठा रहे हैं. 

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार शाम तक तूफान के कारण राज्य में एक 17 साल के छात्र सहित तीन लोगों की मौत हो गई. चक्रवात रेमल के प्रभाव के रूप में सोमवार से असम के कई हिस्सों में भारी वर्षा और भयंकर तूफान देखने को मिला. मोरीगांव जिले में मंगलवार की सुबह एक कॉलेज छात्र की मौत हो गई, जब वह जिस ऑटोरिक्शा में यात्रा कर रहा था, उस पर एक पेड़ गिर गया. मृतक गुरुगुल जूनियर कॉलेज का छात्र था, जब यह घटना हुई, तब वह संस्थान जा रहा था.

अधिकारियों के अनुसार, कामरूप जिले के राजपुखुरी गांव की 60 साल की महिला लावण्या कुमारी की उसके घर पर पेड़ गिरने से मौत हो गई. एएसडीएमए ने मंगलवार शाम को एक बयान में लिखा कि अभी तक पिछले 24 घंटों में तूफान में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से एक-एक मोरीगांव, कामरूप और कामरूप मेट्रो जिले में है. आगे की जानकारी का इंतज़ार है.

असम के मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थाओं से क्लासेज कैंसल करने को कहा

भारी बारिश के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कई शिक्षण संस्थानों से कक्षाएं रद्द करने को कहा है. उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा कि नागांव, होजई, वेस्ट कार्बी आंगलोंग, कार्बी आंगलोंग, गोलाघाट, दीमा हसाओ, कछार, हैलाकांडी और करीमगंज के लिए रेड अलर्ट के मद्देनजर, इन जिलों के सभी शिक्षण संस्थान 29 मई, 2024 को बंद रहेंगे. सुरक्षित रहें.

असम विश्वविद्यालय सिलचर और गुवाहाटी के कॉटन विश्वविद्यालय सहित अन्य शीर्ष शिक्षण संस्थानों ने 29 मई को होने वाली परीक्षा और कक्षाएं रद्द कर दी हैं. आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार दीमा हसाओ सबसे ज़्यादा प्रभावित जिलों में से एक है. जिले के कई इलाकों में भूस्खलन के कारण बराक घाटी के तीन जिलों और राज्य के बाकी हिस्सों के बीच सड़क संपर्क बाधित हो गया है.

गुवाहाटी के लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एलजीबीआईए) पर भी मौसम का असर उड़ानों पर पड़ा. अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को कई उड़ानें रद्द कर दी गईं, खास तौर पर आइजोल, अगरतला और सिलचर जाने वाली उड़ानें. 

असम के कई शहरों में बाढ़ की भी खबरें

लगातार बारिश के कारण गुवाहाटी, सिलचर और अन्य शहरों में भी बाढ़ की खबरें आई हैं. सिलचर शहर का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा जलमग्न है और कई स्कूल, कार्यालय और घर जलमग्न हो गए हैं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, असम के विभिन्न हिस्सों में 60 से 90 मिमी बारिश दर्ज की गई और राज्य में पिछले सात दिनों में 450.2 मिमी बारिश हुई है.

नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में अब आगे क्या?

  • आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, 2 जून तक भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.
  • अगले तीन दिनों तक मिजोरम में गरज के साथ बारिश होने का अनुमान है.

उधर, मेघालय में पूर्वी जैंतिया हिल्स जिले के सुतंगा गांव में मंगलवार सुबह एक घर पर दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. एक अन्य घटना में पूर्वी खासी हिल्स जिले के मावकिनरोह बाईपास पर भूस्खलन में 4 लोग घायल हो गए. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बुलेटिन के अनुसार, चक्रवाती तूफान से राज्य के 17 गांव प्रभावित हुए हैं. मंगलवार को राज्य की राजधानी शिलांग के कई निचले इलाकों में बाढ़ आ गई.

नागालैंड में मंगलवार को कई जिलों में भूस्खलन के कारण सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, घरों, कृषि क्षेत्रों और सड़क को नुकसान पहुंचने की खबर है. नागालैंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनएसडीएमए) के अधिकारियों ने बताया कि इस रिपोर्ट को लिखे जाने तक नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जा रही थी. अधिकारियों के अनुसार, फेक जिले के अंतर्गत फुत्सेरो में एक 73 वर्षीय व्यक्ति की गिरती हुई दीवार की चपेट में आकर मौत हो गई.

मणिपुर में भी चक्रवात रेमल के कारण भारी बारिश 

मणिपुर में चक्रवात रेमल के कारण भारी बारिश हुई, जिसके कारण निचले इलाकों में बाढ़ आ गई और पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हुआ, जिससे सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ. आधिकारिक रिपोर्टों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. एहतियात के तौर पर राज्य सरकार ने 31 मई तक स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है.

इंफाल पश्चिम और इंफाल दोनों जिलों में महत्वपूर्ण सड़कें और इलाके, जहां राज्य की राजधानी इंफाल स्थित है, साथ ही सेनापति समेत कुछ जिलों के आवासीय इलाके जलमग्न हो गए हैं, जिससे निवासियों को काफी परेशानी और असुविधा हो रही है. अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

एनएच 37 इंफाल-सिलचर राजमार्ग पर कांगपोकपी जिले के के सिनम गांव के पास भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, जिसके परिणामस्वरूप माल से लदा एक ट्रक खाई में बह गया. अधिकारियों ने बताया कि मलबा हटाने के लिए खुदाई करने वाले काम के कारण कई ट्रक फंसे हुए हैं. इंफाल-उखरुल मार्ग पर लिटन के पास भूस्खलन की भी खबर है.

पहाड़ी जिलों सेनापति और उखरुल में कई नदियां उफान पर हैं, जिससे कई इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है. कांगपोकपी और सैकुल के बीच एक पुल भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. लगातार भारी बारिश के कारण मणिपुर घाटी में इंफाल, इरिल और नामनुल नदियों समेत कई नदियों के उफान पर होने से स्थिति और भी खराब हो गई है. नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है और एक नाले के उफान पर होने से घर और खेत डूब गए हैं.

त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में भी बारिश

त्रिपुरा में मंगलवार को कई इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई. आईएमडी के अनुसार, 27 मई की सुबह से 28 मई की सुबह तक सबसे अधिक बारिश उनाकोटी जिले (252.4 मिमी) में दर्ज की गई, जबकि सबसे कम बारिश दक्षिण जिले (168 मिमी) में दर्ज की गई. अरुणाचल प्रदेश में, आईएमडी ने चार जिलों, पश्चिमी कामेंग, पूर्वी कामेंग, पापुम पारे और चांगलांग में रेड अलर्ट जारी किया है तथा अगले कुछ दिनों में पूरे राज्य में भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है.