नई दिल्ली: कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बयान ने पार्टी के भीतर नई बहस छेड़ दी है. शनिवार को नई दिल्ली में हुई कांग्रेस सीडब्ल्यूसी की बैठक में दिग्विजय सिंह ने खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कांग्रेस पार्टी के भीतर कई स्लीपर सेल सक्रिय हैं. दिग्विजय सिंह ने चेतावनी दी कि अगर समय रहते ऐसे तत्वों की पहचान कर कार्रवाई नहीं की गई तो पार्टी को नुकसान हो सकता है.
सूत्रों के अनुसार दिग्विजय सिंह ने कहा कि पार्टी हित में यह बेहद जरूरी है कि भीतर मौजूद ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाए जो संगठन को कमजोर कर रहे हैं. उन्होंने नेतृत्व से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की. उनकी इस टिप्पणी को पार्टी के अंदर चल रही अंदरूनी असहमति और संगठनात्मक कमजोरी से जोड़कर देखा जा रहा है.
इससे पहले दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा से जुड़ी एक पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की थी. इस तस्वीर में नरेंद्र मोदी जमीन पर बैठे दिखाई दे रहे हैं और उनके पीछे लालकृष्ण आडवाणी कुर्सी पर बैठे हैं. इस पोस्ट के जरिए दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस को भाजपा और आरएसएस के संगठनात्मक मॉडल से सीख लेने की सलाह दी. उन्होंने इसे संगठन की ताकत का उदाहरण बताया.
कांग्रेस ने यह सीडब्ल्यूसी बैठक संगठन सृजन अभियान और मनरेगा को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए बुलाई थी. पार्टी देशभर में जिला स्तर पर संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिश कर रही है. इसी क्रम में संगठन की मजबूती और जमीनी कैडर को लेकर भी चर्चा हुई.
बैठक में दिग्विजय सिंह ने सत्ता के विकेंद्रीकरण का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन में निर्णय लेने की प्रक्रिया को जमीनी स्तर तक पहुंचाना जरूरी है. उनका यह बयान पार्टी में समर्पित कैडर और स्थानीय नेतृत्व की कमी की ओर इशारा करता है. कांग्रेस के भीतर यह सवाल लंबे समय से उठता रहा है कि संगठन के पास मजबूत जमीनी कार्यकर्ताओं की कमी है.
पार्टी के भीतर दिग्विजय सिंह के बयान को लेकर अलग अलग राय सामने आ रही है. कांग्रेस का एक वर्ग उनके विचारों का समर्थन कर रहा है. वहीं कुछ नेता इसे उनके और उनके बेटे जयवर्धन सिंह के राजनीतिक भविष्य से जोड़कर देख रहे हैं. जयवर्धन सिंह मध्य प्रदेश में विधायक और जिलाध्यक्ष हैं. वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधायक दल के नेता उमंग सिगार को दिग्विजय सिंह का विरोधी माना जाता है.
सूत्रों के मुताबिक जब दिग्विजय सिंह बैठक में अपनी बात रख रहे थे, तभी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें बीच में टोका. खरगे ने कहा कि वे अन्य नेताओं की राय भी सुनना चाहते हैं और दिग्विजय सिंह से अपना वक्तव्य समाप्त करने को कहा. इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस के भीतर सियासी हलचल और तेज हो गई है.