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‘कर्ज माफी बन गई है लोगों की जुनून', महाराष्ट्र की सियासत में मचा बवाल, मंत्री बाबासाहेब पाटील ने मांगी माफी

Controversial statement by Babasaheb Patil: महाराष्ट्र के सहकार मंत्री बाबासाहेब पाटिल के एक बयान ने सियासी हलचल मचा दी है. जळगांव जिले के चोपड़ा में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि लोग कर्ज माफी के जुनून में पड़ गए हैं और राजनेता चुनाव जीतने के लिए वादे करते हैं.

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Anubhaw Mani Tripathi

Babasaheb Patil: महाराष्ट्र के सहकार मंत्री बाबासाहेब पाटिल के एक बयान ने राज्य की सियासत में भूचाल ला दिया है. जळगांव के चोपड़ा में एक बैंक उद्घाटन समारोह में पाटिल ने कहा कि लोग कर्ज माफी के जुनून में फंस गए हैं और राजनेता चुनावी जीत के लिए बड़े-बड़े वादे कर देते हैं. इस बयान ने सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और विपक्षी दलों में तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया है.

नदी लाने की मांग की

दरसअल पाटिल एक कार्यक्रम में पहुंचे थे जहां उन्होंने कहा, “कर्ज माफी का जुनून लोगों के दिमाग में बैठ गया है. राजनेता वोट पाने के लिए आश्वासन देते हैं, लेकिन जनता को सोचना चाहिए कि उनकी मांग कितनी व्यवहारिक है.” उन्होंने एक किस्सा सुनाया कि एक गांव में लोगों ने नदी लाने की मांग की, जिस पर एक नेता ने अव्यवहारिक वादा कर दिया. इस बयान ने किसानों की समस्याओं को हल्का करने का आरोप लगाया गया.

महायुति गठबंधन के सहयोगी और विपक्ष ने इस पर कड़ा रुख अपनाया. बीजेपी के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि किसानों की स्थिति गंभीर है, खासकर सितंबर की बाढ़ से 68.69 लाख हेक्टेयर में फसल नष्ट होने के बाद. उन्होंने जोर दिया कि महायुति ने अपने घोषणा पत्र में कर्ज माफी का वादा किया है और इस पर सर्वे चल रहा है. शिवसेना (शिंदे गुट) के मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रियों को विवादास्पद बयानों से बचने की सलाह दी है, और इस मामले में कार्रवाई हो सकती है.

शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया

विवाद बढ़ने पर पाटिल ने सफाई दी कि उनका इरादा किसानों को पीड़ा देने का नहीं था. उन्होंने कहा, “मैं ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध व्यवसाय जैसे वैकल्पिक आय स्रोतों को बढ़ावा देना चाहता था. अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं.” उन्होंने दावा किया कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया.

हाल ही में राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए ₹31,628 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की है, लेकिन विपक्ष इसे अपर्याप्त मानता है. उनका कहना है कि सभी किसानों को पूर्ण कर्ज माफी मिलनी चाहिए. पाटिल का बयान इस बहस को और हवा दे रहा है कि क्या सरकार अपने वादों को पूरा करने में गंभीर है. यह मामला विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल को और गर्माने की संभावना रखता है.