Monsoon Session: ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम अटैक पर होगी चर्चा, कांग्रेस ने पार्टी सांसदों के लिए जारी किया व्हिप
कांग्रेस का यह कदम संसद में सरकार को कठघरे में लाने की तैयारी का हिस्सा माना जा रहा है. ऑपरेशन सिंदूर और आतंकी हमले जैसे संवेदनशील मुद्दों पर विपक्ष सरकार से जवाब मांगने की योजना बना रहा है.
मॉनसून सत्र के दूसरे सप्ताह की शुरुआत से पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने लोकसभा सांसदों के लिए कड़ा निर्देश जारी किया है. पार्टी ने तीन लाइन का व्हीप जारी कर सभी सांसदों को 29 से 31 जुलाई 2025 तक संसद में लगातार उपस्थित रहने और पार्टी लाइन के अनुसार मतदान करने का आदेश दिया है. यह कदम सरकार के विधायी एजेंडे और विपक्ष की एकजुट रणनीति को देखते हुए उठाया गया है.
तीन लाइन का व्हीप: क्या है इसका महत्व?
भारतीय संसदीय व्यवस्था में तीन लाइन का व्हीप सबसे सख्त निर्देश माना जाता है. इसके तहत पार्टी सांसदों के लिए सदन में उपस्थिति अनिवार्य होती है, और महत्वपूर्ण चर्चा या मतदान में पार्टी की नीति के अनुसार वोट देना जरूरी होता है. इसका उल्लंघन गंभीर परिणामों, जैसे सदस्यता समाप्ति की सिफारिश, तक ले जा सकता है. कांग्रेस का यह व्हीप संसद में होने वाली महत्वपूर्ण बहसों और मतदानों के लिए पार्टी की एकजुटता को दर्शाता है.
तीन दिन की अनिवार्य उपस्थिति
कांग्रेस ने अपने लोकसभा सांसदों को सोमवार से बुधवार (29-31 जुलाई 2025) तक संसद में मौजूद रहने का निर्देश दिया है. सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला सरकार के संभावित विधायी प्रस्तावों, विवादित बिलों पर चर्चा और विपक्ष की रणनीति को मजबूत करने के लिए लिया गया है. विशेष रूप से, सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर होने वाली चर्चा को इस व्हीप से जोड़ा जा रहा है.
विपक्ष की रणनीति
कांग्रेस का यह कदम संसद में सरकार को कठघरे में लाने की तैयारी का हिस्सा माना जा रहा है. ऑपरेशन सिंदूर और आतंकी हमले जैसे संवेदनशील मुद्दों पर विपक्ष सरकार से जवाब मांगने की योजना बना रहा है. तीन लाइन का व्हीप यह सुनिश्चित करता है कि सभी सांसद एकजुट होकर इन चर्चाओं में हिस्सा लें और विपक्ष की आवाज को बुलंद करें.