India UK Air Force Training: भारत और ब्रिटेन के रक्षा संबंधों में नया अध्याय जुड़ने जा रहा है. इतिहास में पहली बार भारतीय वायुसेना के दो शीर्ष अधिकारी जल्द ही ब्रिटेन में रॉयल एयर फोर्स के लड़ाकू पायलटों को प्रशिक्षण देंगे. ये दोनों वायुसेना प्रशिक्षक वेल्स के उत्तर-पश्चिमी तट पर, एंगल्सी द्वीप पर स्थित आरएएफ वैली के नंबर 4 फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल में उड़ान प्रशिक्षण पूरा कर रहे आरएएफ एयरक्रू अधिकारियों को प्रशिक्षित करेंगे.
सूत्रों के अनुसार, शुरुआत की तारीख अभी तय नहीं हुई है. हालांकि यह कार्यक्रम अक्टूबर 2026 के बाद शुरू होगा. दोनों भारतीय प्रशिक्षकों को यूके में परिचय और प्रशिक्षण की प्रक्रिया से गुजरना होगा, जो उनके अनुभव के आधार पर लगभग एक वर्ष या उससे कम की हो सकती है. इन प्रशिक्षकों के वेतन का भुगतान भारत करेगा, जबकि यूके का रक्षा मंत्रालय उन्हें आवास मुहैया कराएगा.
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— Indian Air Force (@IAF_MCC) September 4, 2024Also Read
यह वही संस्थान है जहां ब्रिटेन के अगली पीढ़ी के फाइटर पायलट बीएई हॉक टीएमके2 जेट पर प्रशिक्षित किए जाते हैं. भारत के दो हॉक-क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर अगले तीन वर्षों तक वहीं तैनात रहेंगे. इस उन्नत जेट ट्रेनर से पायलट टाइफून और एफ-35 जैसे फ्रंटलाइन विमानों पर उड़ान के लिए तैयार होते हैं.
ब्रिटिश रक्षा सूत्रों के मुताबिक, यह पहल भारत-ब्रिटेन के बीच सैन्य साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस सहयोग से न केवल दोनों देशों के बीच रणनीतिक विश्वास बढ़ेगा बल्कि संयुक्त प्रशिक्षण से युद्धक रणनीति, तकनीक और उड़ान पद्धतियों का आदान-प्रदान भी संभव होगा. यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर की मुंबई यात्रा के दौरान हुआ था, जब दोनों देशों के बीच 35 करोड़ पाउंड का रक्षा सौदा भी हुआ था. इस समझौते के तहत ब्रिटेन भारत को हल्के मल्टीरोल मिसाइलें देगा.
विश्व आधुनिक सैन्य विमानन निर्देशिका यानी World Directory of Modern Military Aircraft के अनुसार, भारत की वायुसेना दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयर फोर्स है. अमेरिका और रूस के बाद भारत का स्थान है, जबकि ब्रिटेन आठवें स्थान पर है. RAF ने कहा कि भारतीय प्रशिक्षकों के शामिल होने से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और पारस्परिक समझ और मजबूत होगी. यह साझेदारी 'विश्वस्तरीय उड़ान प्रशिक्षण के क्षेत्र में आपसी भरोसा और क्षमता बढ़ाने का अवसर' प्रदान करेगी.