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72 रुपये मिलेगी 18 वाली सिगरेट, नए एक्साइज बिल से तंबाकू पदार्थ की कीमतों में चार गुना तक इजाफा!

संसद से केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक 2025 पारित होने के बाद भारत में सिगरेट और तंबाकू उत्पाद महंगे हो सकते हैं. उत्पाद शुल्क में भारी बढ़ोतरी से कीमतें कई गुना बढ़ने का अनुमान है.

Gemini AI
Kanhaiya Kumar Jha

नई दिल्ली: भारत में धूम्रपान करने वालों की जेब पर जल्द बड़ा असर पड़ सकता है. संसद ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक 2025 को मंजूरी दे दी है, जिससे सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर कर में तीखी बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है. सरकार का कहना है कि यह कदम सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है. वहीं उद्योग और उपभोक्ताओं की निगाहें अब नई कीमतों और इसके असर पर टिकी हैं.

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा पेश किए गए इस विधेयक में सिगरेट, सिगार, हुक्का तंबाकू और चबाने वाले तंबाकू पर उत्पाद शुल्क की दरों में बड़ा संशोधन किया गया है. संशोधित कानून के तहत अलग अलग श्रेणियों और लंबाई की सिगरेट पर कर कई गुना बढ़ाया गया है. इसका सीधा असर खुदरा कीमतों पर पड़ने की संभावना है.

सिगरेट पर कितना बढ़ेगा टैक्स?

अब तक सिगरेट पर प्रति 1000 स्टिक 200 से 735 रुपये तक उत्पाद शुल्क लगता था. संशोधन के बाद यह बढ़कर 2700 से 11000 रुपये प्रति 1000 स्टिक हो जाएगा. श्रेणी और लंबाई के हिसाब से कर तय होगा. अधिकारियों के अनुसार मौजूदा 18 रुपये की सिगरेट की कीमत बढ़कर करीब 72 रुपये तक पहुंच सकती है.

अन्य तंबाकू उत्पाद भी महंगे

केवल सिगरेट ही नहीं, बल्कि अन्य तंबाकू उत्पादों पर भी भारी बोझ डाला गया है. चबाने वाले तंबाकू पर उत्पाद शुल्क 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है. हुक्का तंबाकू पर शुल्क 25 से बढ़कर 40 प्रतिशत होगा. स्मोकिंग मिक्सचर पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा, जहां कर 60 प्रतिशत से सीधे 300 प्रतिशत कर दिया गया है.

सरकार की मंशा और राजस्व पहलू

सरकार का मानना है कि भारत में तंबाकू पर पहले से ऊंचे कर हैं, लेकिन आमदनी के अनुपात में सिगरेट अभी भी सस्ती है. यह बढ़ोतरी धीरे धीरे कर बढ़ाने की नीति से हटकर सख्त कदम मानी जा रही है. साथ ही तंबाकू उत्पाद अब भी अप्रत्यक्ष कर संग्रह का अहम हिस्सा हैं, भले ही खपत घट रही हो.

मिली जुली प्रतिक्रियाएं और आगे का असर

इस फैसले पर सोशल मीडिया पर मिली जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं. कुछ लोगों ने इसे धूम्रपान रोकने की दिशा में सही कदम बताया, जबकि कुछ ने आशंका जताई कि लोग सस्ते विकल्पों की ओर मुड़ सकते हैं. नई दरें अधिसूचना जारी होने के बाद लागू होंगी. इसके बाद कंपनियां कीमतें तय करेंगी और असली असर आने वाले महीनों में साफ होगा.