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'18-19 से तैयारी कर रहे हो, सेलेक्शन क्यों नहीं हुआ', अवध ओझा के सवाल पर मचा बवाल

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के एक कोचिंग सेंटर में पानी भरने से हुई तीन छात्रों की मौत पर छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है. छात्रों की मांग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. ये छात्र अवध ओझा और डॉ. विकास दिव्यकीर्ति पर भी आरोप लगा रहे हैं कि वे छात्रों के समर्थन में खड़े नहीं हुए.

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Edited By: India Daily Live
Avadh Ojha
Courtesy: social media

Raus Ias Coaching Center Tragedy: दिल्ली के ओल्ड मुखर्जी नगर के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी. इन छात्रों को इंसाफ दिलाने के लिए छात्र लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों की मांग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

इसी बीच छात्रों को यूपीएससी की कोचिंग देने वाले अवध ओझा ने ऐसा बयान दिया है जिसके लिए उनकी आलोचना हो रही है. एक मीडियाकर्मी ने जब अवध प्रदर्शन कर रहे एक छात्र से अवध ओझा के बारे में सवाल किया तो वह भड़क गए.

1.75 लाख रुपए फीस लिया करते थे ओझा सर

मीडियाकर्मी ने छात्र से पूछा, 'आप अवध ओझा जी के छात्र रहे हैं वह कितनी फीस लेते थे?' इस पर छात्र ने कहा कि 2018-19 में वह कोचिंग में पढ़ाते थे और 1.75 लाख रुपए फीस लिया करते थे. इस पर अवध ओझा ने कहा कि ये कहानी सुना रहे हैं कि मैं ऐसा बोलता हूं वैसा बोलता हूं. ये 2018-19 से तैयारी कर रहे हैं. अभी तक इनका सलेक्शन क्यों नहीं हुआ. अब उनका यह बयान चर्चा का विषय बन गया है.

अवध ओझा ने भी रगड़कर की थी यूपीएससी की थी

यह बयान देते हुए अवध ओझा इस बात को भूल गए कि उन्होंने भी सिविल सेवा की रगड़कर तैयारी की थी लेकिन इसके बावजूद उनका चयन नहीं हुआ था और फिर उन्होंने यूपीएससी के छातों को पढ़ाने का सिलसिला शुरू किया था.

अवध ओझा, विकास दिव्यकीर्ति से नाराज प्रदर्शनकारी छात्र
बता दें कि प्रदर्शनकारी छात्र दृष्टि आईएएस के संस्थापक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा से बुरी तरह नाराज हैं. छात्रों का कहना है कि ये छात्रों के समर्थन में उनके साथ खड़े नहीं हुए.

मैं सभी मुद्दों पर छात्रों के साथ हूं
छात्र इस बात से नाराज है कि आप उनके साथ खड़े नहीं हुए? इस सवाल पर अवध ओझा ने कहा कि जहां ये छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं वहां से मेरी कोचिंग सिर्फ 50 कदम की दूरी पर है ये लोग मेरे पास आते तो मैं इसके साथ जाता और दूसरी बात ये हैं कि मैं अगर वहां जाता और कुछ बवाल हो जाता तो कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी कौन लेता. प्रशासन मुझसे पूछता कि आप किससे पूछकर वहां गए थे. ओझा ने कहा कि मैं हर मुद्दे पर इन छात्रों के साथ खड़ा हूं. मैं चाहता हूं कि फीस की एक लिमिट तय हो. इन छात्रों की सुरक्षा रेगुलेट होनी चाहिए.

अगले 6 महीने तक ट्रेंड करा दें, बात जरूर सुनी जाएगी
अवध ओझा ने कहा कि कम से कम 10 लाख बच्चे यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं. अगर ये 10 लाख छात्र अपनी मांगों को अगले 6 महीने तक ट्रेंड करा दें तो सरकार इनकी मांग सुनने को मजबूर हो जाएगी.